तो क्या आसिफ अली जरदारी फिर संभालेंगे पाकिस्तान के राष्ट्रपति की कमान?

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ने फैसला किया है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए आसिफ अली जरदारी उनके उम्मीदवार होंगे. अखबार डॉन ने बिलावल के हवाले से कहा, “देश में फैल रही असंतोष की आग पर काबू पाने के लिए हमने फैसला किया है कि राष्ट्रपति चुनाव में जरदारी हमारे उम्मीदवार होंगे.”

भुट्टो ने थट्टा इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “वह केंद्र और प्रांतों को बचाएंगे.” उन्होंने कहा कि जब उनके पिता जरदारी पद संभालेंगे तो वह इस आग को बुझा देंगे. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि बिलावल ने अपनी पार्टी को उन लोगों के साथ आगे बढ़ने का निर्देश दिया है, जिन्होंने उसके लिए वोट मांगे हैं और बदले में कोई मंत्रालय नहीं मांगेंगे.

पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने बीते 13 फरवरी को भी कहा था कि वह चाहते हैं कि उनके पिता आसिफ अली जरदारी को फिर से राष्ट्रपति बनाया जाए. जरदारी (68) ने 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था. पाकिस्तान के मौजूदा राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी अगले महीने अपना पद छोड़ने वाले हैं.

हालांकि, सरकार बनाने को लेकर अब भी पीपीपी और चार बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन  में बातचीत जारी है. जेल में बंद 71 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा समर्थित बहुमत वाले निर्दलीय उम्मीदवारों ने आठ फरवरी के चुनाव में नेशनल असेंबली की 265 सीटों में से 93 पर जीत हासिल की है.

पीएमएल-एन को 75 सीट पर सफलता मिली है, जबकि पीपीपी 54 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को 17 सीट मिली है और वह गठबंधन को समर्थन देने को सहमत हो गया है. सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 266 (प्रत्यक्ष निर्वाचित) सदस्यीय नेशनल असेंबली में लड़ी गई 265 सीटों में से 133 सीटें जीतनी होंगी.

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