विक्रांत मैसी (Vikrant Massey) उन अभिनेताओं में एक हैं, जो अपने दम पर अपना स्टारडम बनाया है. वह अपनी शानदार एक्टिंग की वजह से दर्शकों पर छाए रहते हैं. फिल्म ‘छपाक’ के बाद विक्रांत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह कितने उम्दा एक्टर हैं. वह भले ही कम बजट की फिल्में करें लेकिन उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर रगड़ कर कमाती हैं. कुछ ऐसा ही हाल उनकी हालिया रिलीज हुई ’12वीं फेल’ के साथ भी देखा जा रहा है.
’12वीं फेल’ के रिलीज के बाद विक्रांत लगातार खबरों में हैं. इसी बीच फिल्म का प्रमोशन करते हुए विक्रांत ने कबूल किया कि कैसे वह काम के लिए संघर्ष करते थे और अपने दोस्तों से उन्हें कास्ट करने के लिए कहते थे. हालांकि उन्हें हर बार निराशा हाथ लगती थी. हर किसी का एक ही जवाब होता था कि कोई भी उन पर या उनकी ब्रांड वैल्यू में इनवेस्ट नहीं करेगा.
राजीव मसंद के राउंड टेबल पर बातचीत करते हुए, विक्रांत मैसी ने माना, “व्यक्तिगत रूप से मेरे साथ ऐसा हुआ है पिछले दो तीन सालों में जब से फिल्म शुरू की है. मैंने 10 साल टीवी पर काम करने के बाद मुझे लुटेरा पहली फिल्म मिली. बहुत ऐसे लोग हैं जो खुलकर मुझे ये कहते हैं कि यार हम चाहते हैं कि तुम इस फिल्म का हिसा बनो लेकिन कोई पैसा नहीं लगाऊंगा. क्योंकि जो कॉरपोरेट कल्चर आ गया है कि उसमे उतना पैसा डालने के उतना ही रिकवर करना होता है.’
विक्रांत मैसी ने आगे कहा, ‘ऐसे बहुत से फिल्म निर्माता हैं जिनके साथ मैंने काम नहीं किया है लेकिन मैं जानता हूं. उनसे मैं अक्सर ये कहता हूं कि यार तू मुझे क्यों नहीं लेता ये करने के लिए. तब वे जवाब देते हैं कि मुझे पता है कि तू ये करेगा तो बहुत अच्छा करेगा लेकिन जब मैं तेरा नाम आगे पुश करूंगा ना तो कोई पैसा नहीं लगाएगा. और ऐसा मेरे साथ बहुत हुआ है . हालांकि वे मेरे अच्छे दोस्त हैं.’