तिवारी हत्याकांड : मौलवी ने हत्यारों से मुलाकात की बात कबूली


हिंदू नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते ने बरेली से जिस मौलवी को गिरफ्तार किया था, उसने कबूल किया है कि आरोपी हत्यारों ने उससे मुलाकात की थी। मौलवी सैयद कैफी अली (25) बरेली में एक धर्मस्थल से जुड़ा है।

आरोपी मोइनुद्दीन और अशफाक ने 18 अक्टूबर को धर्मस्थल का दौरा किया था और अली को सूचित किया था कि उन्होंने कमलेश तिवारी की लखनऊ में दिन में हत्या कर दी है। दोनों को मंगलवार रात गुजरात में गिरफ्तार किया गया।

दोनों हत्यारों ने वहां आश्रय मांगा, लेकिन अली ने उन्हें कोई सहायता देने से इनकार कर दिया और उन्हें वहां से चले जाने को कहा। अली ने हालांकि पुलिस को हत्यारों के बारे में नहीं बताया। इसलिए इस मामले में उसकी भूमिका संदिग्ध है।

हत्यारों ने उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा पार करने में भी उसकी मदद मांगी थी।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, “मौलवी के पास गुजरात के एक संदिग्ध व्यक्ति का भी फोन आया था। उसने संदिग्ध हत्यारों को भारत-नेपाल सीमा का रूट मैप प्रदान करने की बात कबूल की है।”

तिवारी के हत्यारे पहले शुक्रवार को लखनऊ से बरेली आए और फिर वे उसी रात भारत-नेपाल सीमा को पार करने के लिए लखीमपुर खीरी जिले के पलिया शहर के लिए रवाना हो गए। वे हालांकि कड़ी सुरक्षा के कारण सीमा पार करने में विफल रहे। इसके बाद उन्होंने एक टैक्सी किराए पर ली और शाहजहांपुर के लिए निकल गए।

पलिया से शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पर हत्या के संदिग्धों को लाने वाले कैब ड्राइवर ताहिर अहमद ने पुलिस को पुष्टि की है कि उनके द्वारा लाए गए दोनों व्यक्ति वही हैं, जो तिवारी के घर में उनकी हत्या से पहले देखे गए थे। आरोपियों को सीसीटीवी फूटेज में देखा गया है। इस कार को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।

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