डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया को लेकर दिल्ली में सख्ती, लार्वा मिलने पर अब कटेगा 5000 रुपये का चालान!

दिल्ली नगर निगम डेंगू मच्छरों के लार्वा (Dengue mosquito larvae) को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है. अब अगर आपके घरों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मच्छरों का लार्वा मिला तो 5000 रुपये का चालान (Chalan) काटा जा सकता है. दिल्ली में डेंगू के लगातार बढ़ते मामले के बीच एमसीडी (MCD) सख्त कार्रवाई करने की रणनीति बना रहा है. बता दें कि दिल्ली नगर निगम के सर्वे में बड़ा खुलासा हुआ है. मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एमसीडी के सर्वे में डेंगू मच्छरों का 64 फीसदी लार्वा सिर्फ कूलर और गमलों में मिला है. एमसीडी के सर्वे में कूलर और गमले में 32-32 फीसदी लार्वा मिला है. वहीं, ड्रम में 11, बाल्टियों में 6, कैन में 4, छोटे कैन में 4, लोहे के कंटेनर में 3, पक्षियों के पॉट में 3 और टायर में एक प्रतिशत लार्वा मिले हैं.

पिछले दिनों दिल्ली नगर निगम के 400 कर्मचारियों ने यह सर्वे किया है. एमसीडी ने इस सर्वे के बाद कहा है कि डेंगू को लेकर लोग गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. यही वजह है कि कूलर और फूलों या अन्य गमलों में 64 फीसदी लार्वा मिला है. एमसीडी ने कहा है कि कई कूलरों के पानी महीनों से साफ नहीं किए गए. कुछ बंद कूलरों में बरसात का पानी भरा मिला. इसके साथ ही फूलों के गमलों का पानी भी कई दिनों से बदला नहीं जा रहा है. जबकि, कूलर और गमलों का पानी हर तीसरे दिन बदलना चाहिए.

डेंगू को लेकर दिल्ली में सख्ती
मच्छरों का पानी साफ पानी में पनपता है और कूलर और गमला इसके लिए सबसे सही जगह है. एमसीडी के मुताबिक, गर्मी के मौसम में लोग कूलर तो चलाते हैं लेकिन उसका पानी नहीं बदलते हैं. इसलिए अब जिन घरों में मच्छरों के लार्वा मिलेगा, उन घरों का चालान काटा जाएगा. अब दिल्ली में मच्छरों के लार्वा मिलने पर चालान 500 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये किया जा सकता है. अगले कुछ ही दिनों में दिल्ली सरकार की तरफ से इसको लेकर अधिसूचना जारी की जा सकती है.

डॉक्टरों की मानें तो आप अपने घरों, दफ्तरों और सार्वजिनक जगहों पर पानी जमा न होने दें. खासकर गमलों, कूलर, रखे हुए टायर, खाली बोतलों का पानी हर तीसरे दिन निकालते रहें. पिछले कुछ दिनों से नगर निगम लार्वा न फैले इसके लिए लोगों को जागरूक भी कर रहा है. इसके लिए दिल्ली मेट्रो, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. हालांकि, इसके बाद भी लोग मानने को तैयार नहीं हैं. डेंगू बुखार तीन तरह के होते हैं, जिसमें से दो बुखार बेहद खतनाक माने जाते हैं. डेंगू हैमरेजिक फीवर (DHF), डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) होने पर मरीजों की मौत की संभावना बढ़ जाती है.

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