झारखंड विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने चला भावनात्मक कार्ड


अन्य राज्यों की तरह झारखंड के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने भावनात्मक कार्ड चला है। यहां वाजपेयी के दौर में राज्य के गठन से लेकर नक्सली हमले में मारे गए जवानों को लेकर भाजपा जनता की भावनाएं टटोलने में जुटी है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राज्य की अपनी दो रैलियों में भावनात्मक मुद्दे उछाले। उन्होंने राम मंदिर का भी मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसकी वजह से अब तक राम मंदिर नहीं बन पाया।

अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरीबी के दिनों को भी यादकर जनता के अंतर्मन को छूने की कोशिश की।

शाह ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ही जाति देखी है और वह है गरीबी की जाति। गरीब घर में जन्म लेने वाले और गरीबी को जीने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने विकास का फायदा देश के हर गरीब के घर में सीधा पहुंचाने का प्रयास किया है।

झारखंड के चतरा में आयोजित जनसभा में अमित शाह ने भाषण की शुरुआत बिरसा मुंडा का नाम लेकर की। उन्होंने कहा, भगवान बिरसा मुंडा ने ही सबसे पहले अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। मैं भगवान बिरसा मुंडा को याद करके उन सैकड़ों आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को प्रणाम करता हूं, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण दे दिए।

अमित शाह ने इस दौरान झारखंड की स्थापना का जिक्र छेड़कर स्थानीय जनता से भावनात्मक रूप से जुड़ने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में झारखंड की स्थापना नहीं हो सकी, जबकि कई युवा शहीद हुए। झारखंड की स्थापना अटल बिहारी वाजपेयी की भाजपा सरकार ने की।

उन्होंने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ चुनाव लड़ने पर भी तंज कसते हुए कहा, मैं पूछना चाहता हूं कि जब झारखंड के युवा अलग राज्य की मांग कर रहे थे, तब कांग्रेस का स्टैंड क्या था?

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