रांची – सौर ऊर्जा आधारित लिफ्ट सिंचाई तकनीक ने झारखंड के हजारों किसानों की जिंदगी में बदलाव की दस्तक दी है।
झारखंड सरकार का दावा है कि 6000 से ज्यादा किसानों को इस तकनीक से फसलों की सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। इसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।
मॉनसून पर निर्भरता खत्म हो रही है और इस सुविधा का उपयोग करनेवाले किसान अब बहुफसली खेती कर रहे हैं। राज्य के लातेहार, सिमडेगा और बोकारो जिले ने इस दिशा में सबसे ज्यादा उपलब्धियां दर्ज की हैं।
सौर ऊर्जा आधारित लिफ्ट सिंचाई तकनीक ने झारखंड के हजारों किसानों की जिंदगी में बदलाव की दस्तक दी है. झारखंड सरकार का दावा है कि 6000 से ज्यादा किसानों को इस तकनीक से फसलों की सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी गयी हैऑ
इसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं. मॉनसून पर निर्भरता खत्म हो रही है और इस सुविधा का उपयोग करनेवाले किसान अब बहुफसली खेती कर रहे हैंऑ
राज्य के लातेहार, सिमडेगा और बोकारो जिले ने इस दिशा में सबसे ज्यादा उपलब्धियां दर्ज की हैंझारखंड के 19 ब्लॉक समेत 88 कोयला खदानों की होगी नीलामी, तीसरे चरण के लिए प्री-बिड मीटिंग 26 अक्टूबर को
बोकारो के उपायुक्त कुलदीप चौधरी का कहना है कि यहां सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए 500 एकड़ भूमि को सौर लिफ्ट सिंचाई सुविधा के तहत लाया जा रहा हैऑ
अबतक जिले के लगभग 480 किसान परिवार योजना से लाभान्वित हुए हैं. अब ज्यादा क्षेत्र में सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा लिफ्ट पंप की 48 इकाइयां लगायी जा रही हैं. प्रत्येक पंप इकाई में 5एचपी की क्षमता है, जिसमें एक पंप हाउस में स्थापित सौर पैनल की क्षमता 5 किलोवाट है, जो 10-12 एकड़ भूमि के कवरेज के साथ एक सिंचाई चैनल के 300 मीटर को कवर करता है