इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए अब तक के सबसे घातक हमले को रोक पाने के सवाल पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अभी उनका फोकस हमास को जड़ के मिटाने का है. हमास युद्ध समाप्त होने के बाद ऐसे कठिन सवालों के लिए समय होगा. सीएनएन से बात करते हुए, बेंजामिन नेतन्याहू ने स्वीकार किया कि ‘यह एक सवाल है जिसे पूछे जाने की जरूरत है, लेकिन फिलहाल हमास को हराने के लक्ष्य के लिए देश को एकजुट होने की जरूरत है.’
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, ‘हम इन सभी सवालों का जवाब देने जा रहे हैं. मुझे लगता है कि फिलहाल हमें जो चीज करने की जरुरत है वो यह है कि हमास पर जीत हासिल करने के लिए देश को एकजुट रखना.’ साल 1948 में इजरायल की स्थापना हुई थी. देश बनने के बाद बीते महीने 7 अक्टूबर को इजरायल पर अब तक का सबसे घातक हमला हमास ने किया. इस हमले को रोक पाने में विफल होने पर आलोचना किए जाने के बाद नेतन्याहू ने कहा, “आइये जीत पर ध्यान केंद्रित करें – यह अब मेरी जिम्मेदारी है.”
केवल एक शर्त पर युद्ध विराम!
प्रधानमंत्री ने कहा कि इजरायल बंधकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे हर संभव प्रयास कर रहा है. हमास का अंत करना और बंधकों को छुड़ाना यह हमारे दो युद्ध के लक्ष्य हैं. उन्होंने युद्धविराम के लिए अंतरराष्ट्रीय आह्वान के संबंध में अपना रुख दोहराया. ‘लड़ाई में एकमात्र पड़ाव जिसे हम स्वीकार करेंगे, वह यह है कि बंधकों को रिहा किया जाए.’
गाजा में अब तक 12 हजार की मौत 
हमास ने बीते साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर चार हजार से अधिक रॉकेट दागे थे. इस भीषण हमले के दौरान इजरायल का आयरन डोम डिफेंस सिस्टम भी फेल हो गया था. हमले में कुल 1,400 लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 240 इजरायलियों को हमास के आतंकी बंधक बनाकर अपने साथ ले गए. इजरायल की तरफ से इसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई. इजरायल के हवाई हमलों में अब तक गाजा पट्टी में करीब 12 हजार लोगों की मौत हो चुकी है.