भूटान से चल रही सीमा वार्ता के बावजूद, चीन कथित तौर पर पड़ोसी देश से लगती सीमा के विवादित क्षेत्र में गांव बना रहा है. हांगकांग के ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने रविवार को बताया कि दोनों देशों को अलग करने वाले पहाड़ी क्षेत्र में कम से कम तीन गांव बनाए गए हैं. रिपोर्ट में सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि तेजी से यह विस्तार गरीबी उन्मूलन योजना के रूप में शुरू हुआ, लेकिन यह दोहरी राष्ट्रीय सुरक्षा भूमिका निभाता है.
रिपोर्ट के अनुसार, हिमालय के एक दूरदराज गांव में उस सीमा क्षेत्र के अंदर 18 चीनी नागरिक अपने नवनिर्मित घरों में प्रवेश करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. यह क्षेत्र लंबे समय से चीन और भूटान के बीच विवाद की जड़ रहा है. चीन, भारत और भूटान दोनों की सीमाओं पर अच्छी तरह से सुसज्जित गांव बनाने की अपनी योजना पर जोर दे रहा है.
तिब्बत के लोग बसाए जा रहे
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) की रिपोर्ट के अनुसार, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र ने 2023 की दूसरी छमाही में पहाड़ी क्षेत्र में सीमावर्ती गांवों के विस्तार को बढ़ावा दिया. दिसंबर में, 38 घरों का पहला बैच तिब्बती के शिगात्से शहर से यहां आकर बस गया था. अमेरिका स्थित मैक्सार टेक्नोलॉजीज द्वारा ली गई सैटेलाइट इमेजरी से पता चलता है कि पिछले साल कम से कम तीन ऐसे गांवों का विस्तार हुआ है. गांवों में से एक को 2022 के अंत में 70 घरों से बढ़ाकर 230 घरों को समायोजित करने के लिए संशोधित किया गया था.
भूटान ने नहीं दी तवज्जो
भूटान ने चीनी घुसपैठ का आरोप लगाने से परहेज किया है. एससीएमपी ने बताया कि थिम्पू विवाद को कम कर रहा है. हालांकि इसमें कहा गया है कि भूटान का सबसे करीबी रणनीतिक साझेदार और अन्य एशियाई दिग्गज भारत लगभग 495 वर्ग किमी (191 वर्ग मील) के विवादित क्षेत्र के विकास पर करीब से ध्यान दे रहा है.