
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आईएनएक्स मीडिया मामले में पी. चिदंबरम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए तैयार है। एजेंसी के एक सूत्र ने संकेत दिया कि पूर्व वित्त मंत्री और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने शेल कंपनियों के शेयर होल्डिंग के तरीके को ही बदल दिया था।
जांच कर रहे सूत्र ने आईएएनएस को बताया, “चिदंबरम ने शेल कंपनियों के शेयर होल्डिंग पैटर्न (तरीका) को बदल दिया था।”
सूत्र ने कहा कि शेल कंपनियों को आरोपियों के इशारे पर सम्मिलित किया गया था।
उन्होंने कहा कि चिदंबरम के विदेश में 17 बेनामी बैंक खाते और 10 महंगी संपत्तियां हैं।
सूत्र ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में ईडी की दलील होगी कि वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और मामले के गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सबूतों को आरोपियों से संरक्षित करने की आवश्यकता है। सूत्र ने बताया कि वे अदालत को यह भी सूचित करेंगे कि गवाहों को भी अभियुक्तों के प्रभाव से दूर रखने की जरूरत है।
सूत्र ने आगे कहा कि वे अदालत को सूचित करेंगे कि वे आरोपियों के साथ साक्ष्य साझा नहीं करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “धन शोधन के गंभीर अपराध के बारे में साक्ष्य देना न तो संभव है और न ही वांछनीय है।”
सूत्र ने कहा कि अगर एजेंसी को साजिश का पता लगाने की इजाजत नहीं दी गई तो न्याय का गंभीर हनन होगा।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व वित्त मंत्री को 26 अगस्त तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दे दिया।
सीबीआई ने 21 अगस्त को पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी के मामले में कथित अनियमितताओं के एक मामले में 24 घंटे के नाटक के बाद गिरफ्तार किया था। यह मंजूरी तब दी गई थी जब वह वित्त मंत्री थे। अगले दिन दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था।
इसी मामले की तह तक जाने के लिए सीबीआई ने शुक्रवार को ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड, बरमूडा, मॉरीशस और सिंगापुर से चिदंबरम और उनके बेटे के कथित बैंक खातों व शेल कंपनियों की जानकारी मांगी है।