चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ी


आईएनएक्स मनी लॉन्ड्रिंग केस में विशेष अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी है। 27 नवंबर को हिरासत खत्म होने पर उन्हें अदालत लाया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चिदंबरम की जमानत का विरोध किया। ईडी ने कहा कि अभी मामले की जांच जारी है और ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। इसके बाद अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के निर्देश दिए। उन्हें 22 अक्टूबर को सीबीआई से जुड़े मामले में जमानत मिल गई थी। लेकिन ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत न मिलने के चलते उनकी रिहाई नहीं हो पाई।

बुधवार सुबह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने तिहाड़ जेल पहुंचकर पी. चिदंबरम से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उनके बेटे कार्ति ने कहा, “आज राहुल और प्रियंका गांधी मेरे पिता से मिले। यह संदेस है कि कांग्रेस पार्टी अब भी उनके साथ खड़ी है। कार्ति ने उम्मीद जताई कि उनके पिता को जल्द ही सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा। इससे पहले सोमवार को शशि थरूर और मनीष तिवारी चिदंबरम से मिलने पहुंचे थे।

चिदंबरम के खिलाफ ईडी और सीबीआई के 2 केस

चिदंबरम पर आईएनएक्स मीडिया घोटाले में मुख्य भूमिका निभाने का आरोप है। ईडी और सीबीआई अलग-अलग मामलों में उनके खिलाफ जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अक्टूबर को उन्हें भ्रष्टाचार मामले में जमानत दे दी थी। मगर ईडी केस में जमानत मिलने के बाद ही वे जेल से बाहर आ सकेंगे। चिदंबरम को 21 अगस्त को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।

ईडी ने पहले भी चिदंबरम की जमानत का विरोध किया
इससे पहले अदालत ने चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 27 नवंबर तक बढ़ाई थी। इस पर चिदंबरम के वकील ने कोर्ट से कहा था कि उन पर देश छोड़कर जाने, गवाहों को प्रभावित करने और साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने जैसे कोई आरोप नहीं हैं। ऐसे में उन्हें नियमित जमानत दी जानी चाहिए। ईडी ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया था। एजेंसी ने कोर्ट से कहा था कि चिदंबरम को अगर जमानत मिलती है, वे साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं।

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