
देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में धीमी पड़कर 4.7 फीसदी रही। यह सात साल का सबसे न्यूनतम दर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 5.6 फीसदी रही थी।
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में आर्थिक वृद्धि दर 5.1 फीसदी रही जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 6.3 फीसदी थी। एनएसओ ने 2019-20 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर को संशोधित कर 5.6 फीसदी तथा दूसरी तिमाही के लिए 5.1 फीसदी कर दिया है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पिछले महीने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। वहीं रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 5 फीसदी रहने की संभावना जताई है।
चीन की आर्थिक वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर 2019 में 6 फीसदी रही जो 27 साल से अधिक समय का न्यूनतम स्तर है। वहीं कैलेंडर वर्ष 2019 में चीन की वृद्धि दर 6.1 फीसदी रही जो तीन दशक में सबसे कम है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में 0.2 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिसमें एक साल पहले 5.2 फीसदी विस्तार था। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कृषि क्षेत्र जीवीए की वृद्धि दर 3.5 फीसदी थी।
कंस्ट्रक्शन सेक्टर जीवीए की ग्रोथ में भी 0.3 फीसदी की कमी रहा है। खनन क्षेत्र की वृद्धि 3.2 फीसदी पर आ गई, जबकि एक साल पहले यह 4.4 फीसदी थी। बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवा खंड में 0.7 फीसदी की वृद्धि हुई, जो एक साल पहले 9.5 फीसदी थी।
इसी तरह, व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और सेवाएं तीसरी तिमाही में घटकर 5.9 फीसदी रह गईं, जो एक साल पहले 7.8 फीसदी थी। वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर 6.5 फीसदी से बढ़कर तीसरी तिमाही में 7.3 फीसदी रही।
सार्वजनिक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं में समीक्षाधीन तिमाही के दौरान 9.7 फीसदी की वृद्धि के साथ सुधार हुआ, जो एक साल पहले 8.1 फीसदी था। अप्रैल-दिसंबर 2019 के दौरान एक साल पहले की समान अवधि में 6.3 फीसदी रही जीडीपी की तुलना में वृद्धि दर घटकर 5.1 फीसदी रह गई।