चंडीगढ़ मेयर चुनाव में AAP की जीत, सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर को धांधली का दोषी माना

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के कुलदीप कुमार को पिछले महीने के चंडीगढ़ मेयर चुनाव का वैध विजेता करार दिया. इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह द्वारा ‘आप’ नेता के पक्ष में आठ वोटों को जानबूझकर अमान्य करने और खारिज करने के कारण कई सप्ताह तक चला विवाद खत्म हो गया. मसीह को अदालत की अवमानना ​​की कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा. उन्हें सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया गया है.

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई के दौरान भाजपा अल्पसंख्यक सेल के पूर्व सदस्य पर कड़ी कार्रवाई करने और बार-बार मुकदमा चलाने की चेतावनी दी थी. कोर्ट अपनी जांच में यह पाया कि चुनाव अधिकारी ने अदालत से झूठ बोला है.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “वीडियो फुटेज को हमने देखा, जिससे लगता है कि चुनाव अधिकारी ने उन 8 बैलेट पेपर्स पर निशान बनाए थे, जो कुलदीप कुमार के पक्ष में थे.” अदालत ने कहा, “19 फरवरी की सुनवाई में अधिकारी ने माना कि आठ मतपत्रों को, जो उनके हिसाब से खराब थे, उन पर उन्होंने हस्ताक्षर के अलावा अलग से निशान भी बनाये थे.”

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “रिटर्निंग अफसर ने अपने अधिकार से बाहर जाकर काम किया. कल सवाल पूछने से पहले हमने अनिल मसीह को गंभीर नतीजे भुगतने को चेताया था.” सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने आदेश में कहा, “सभी 8 वोट याचिकाकर्ता उम्मीदवार (कुलदीप कुमार) को दिए गए थे. वोट अमान्य नहीं थे, बल्कि ऑफिसर का बर्ताव कानून के खिलाफ था. इसलिए हमने मेयर चुनाव के पुराने नजीते को रद्द कर दिया, जो कि कानून के हिसाब से नहीं था.”

सीजेआई ने कहा कि मेयर ने अपना इस्तीफा दे दिया है इस बात को भी रिकॉर्ड पर रख रहे हैं. उन्होंने कहा, “याचिकाकर्ता ने पहले दोबारा मतदान की मांग की थी, लेकिन हमारा मानना है कि पूरी चुनाव प्रक्रिया को निरस्त करना गलत होगा. 8 वोट जिन्हें रद्द किया गया था, उन्हें सही माना जायेगा. 12 वोट जो पहले सही थे, उनको मिला कर टोटल 20 वोट होते हैं.” इसके बाद शीर्ष अदालत ने आप के उम्मीदवार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित कर दिया.

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