पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 26 मौलवियों के एक समूह ने लिखित रूप में तालिबानी फरमान जारी किया है. इस फरमान में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि यदि इलाके की किसी भी शादी में संगीत और नृत्य का आयोजन किया जाएगा तो मौलवी निकाह नहीं कराएंगे. इस फरमान में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि ऐसे निकाह नाजायज हैं जहां शादी और नृत्य किए जा रहे हों. लिहाजा मौलवियों का यह समूह ऐसे किसी भी निकाह में भाग नहीं लेगा.
साथ ही यह चेतावनी भी दी गई है कि जो परिवार अपने यहां होने वाले निकाह में संगीत और नृत्य का आयोजन करेगा तो यदि उस परिवार में किसी की मौत हो जाती है तो यs मौलवी उसके जनाजे पर अंतिम फातिहा भी नहीं पढ़ेंगे. यानी पूरी तरह से उस परिवार का बायकाट कर दिया जाएगा.
हर शख्स तक पहुंचाया जा रहा आदेश
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मौलवियों द्वारा लिखित यह आदेश बाकायदा वॉट्सऐप ग्रुप तथा अन्य सोशल मीडिया के जरिए हर शख्स तक पहुंचाया जा रहा है. यह तालिबानी फरमान मौलवियों के एक संगठन हुसैनी तहरीक द्वारा जारी बताया जाता है. हुसैनी का नेतृत्व वहां के पूर्व सीनेटर मौलाना आबिद हुसैनी करते हैं जो एक स्थानीय मौलवी भी हैं. जिन्हें स्थानीय स्तर पर एक प्रभावशाली व्यक्ति माना जाता है और उन्हें क्षेत्र के अन्य मौलवियों का समर्थन भी प्राप्त है.
पहले भी हुई हैं ऐसी कोशिशें
इसके पहले भी इस प्रांत में अनेक तालिबानी कानून लागू करने की कोशिश की जा चुकी है लेकिन उन्हें पूरी तरह से सफलता नहीं मिल पाई है. साल 2022 में बाजौर आदिवासी जिले में मौलवियों के स्थानीय समूह ने जिरगा के जरिए पिकनिक स्थलों पर पुरुष और स्त्री के एक साथ घूमने पर प्रतिबंध लगा दिया था. जमीयत उलेमा ए इस्लाम फजल के अमीर मौलाना अब्दुल रशीद ने कहा था कि पर्यटन की आड़ में महिलाओं को पिकनिक स्पॉट पर ले जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस संबंध में कोई कार्रवाई करने में विफल रही तो जिरगा इस पर प्रतिबंध लगाएगी.