खालिस्तानी (Khalistani) नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत (India) और कनाडा (Canada) के बीच मौजूद तनाव के बीच शीर्ष सरकारी सूत्रों ने NEWS18 को बताया कि कनाडाई राजनयिक चंडीगढ़ और पंजाब के अन्य क्षेत्रों में विभिन्न वाणिज्य दूतावासों में खालिस्तानी समर्थक ज्ञात आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को वीजा देने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि कनाडाई राजनयिक, लोगों की पृष्ठभूमि जानने के बावजूद उन्हें वीजा देने के मामले में ‘बहुत नरम’ हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि खालिस्तान मुद्दे का समर्थन करने के लिए ही वीजा बढ़ाया जा रहा है ताकि खालिस्तानी मुहिम को अधिकतम ताकत मिल सके. सूत्रों ने कहा कि कनाडाई राजनयिकों ने जानबूझकर ऐसा किया है. वे बहुत स्पष्ट थे; उन्हें कुछ लोगों को भारत से बाहर ले जाने के लिए वीज़ा देना था. यहां तक कि जो लोग आपराधिक मामलों में शामिल थे, उन्हें भी इन राजनयिकों द्वारा वीजा दिया गया और कनाडा भेजा गया. दोनों देशों के बीच विवाद का एक और मुद्दा कनाडा द्वारा कुछ मामलों में प्रत्यर्पण के साथ-साथ कनाडा में शरण लेने वाले लोगों की जांच में भारत की मदद करने से इनकार करना है.
राजनयिकों को वापस बुलाने को लेकर दोनों देशों के बीच बढ़ा तनाव
सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार के पास इस बात के सबूत हैं कि कनाडा भी भारतीय किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहा है. इधर, हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत के पास कनाडा सरकार के भारत के मामलों में हस्तक्षेप के सबूत हैं. राजनयिकों को वापस लिए जाने के मुद्दे पर मंत्री ने एएनआई के हवाले से कहा था कि समानता का यह पूरा मुद्दा यह है कि एक देश बनाम दूसरे देश में कितने राजनयिक हैं. वियना कन्वेंशन द्वारा समानता प्रदान की गई है, जो इस पर प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय नियम है.
भारतीय मामलों में हस्तक्षेप कर रहे थे कनाडाई राजनयिक
उन्होंने आगे कहा कि लेकिन हमारे मामले में, हमने समानता का आह्वान किया क्योंकि हमें कनाडाई कर्मियों द्वारा भारत के मामलों में लगातार हस्तक्षेप के बारे में चिंता थी. हमने उसमें से बहुत कुछ सार्वजनिक नहीं किया है. मेरा मानना है कि समय के साथ और भी चीजें सामने आएंगी. लोग समझेंगे कि हमें उनमें से कई लोगों के साथ उस तरह की असहजता क्यों थी?
राजनयिक संख्या घटाकर कर कनाडा से समानता की मांग की थी 
भारत और कनाडा के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जस्टिन ट्रूडो सरकार ने घोषणा की कि उसने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है. यह वापसी भारत द्वारा निर्धारित समय सीमा से एक दिन पहले हुई, अन्यथा वे अपनी राजनयिक प्रतिरक्षा खोने के लिए उत्तरदायी थे. नई दिल्ली ने देश में तैनात लोगों की संख्या 62 से घटाकर 21 करके कनाडा की राजनयिक उपस्थिति की ताकत में “समानता” की मांग की थी. ट्रूडो ने भारत के कार्यों को जिनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन बताया.