पांच राज्यों के चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी धुआंधार प्रचार कर रहे हैं. राहुल गांधी भी छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना मे ताबड़तोड़ रैली कर रहे हैं लेकिन राजस्थान से उनका गायब रहना कई सवाल खड़े कर रहा है. राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एमपी/छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में जीत का दावा किया था लेकिन राजस्थान को लेकर वो निश्चित नहीं थे. सवाल उस वक्त भी उठे थे, सवाल अब भी उठ रहे हैं क्योंकि राहुल राजस्थान से दूर हैं.
चुनाव की घोषणा के बाद अब तक राहुल गांधी ने राजस्थान में प्रचार नहीं किया है. हालांकि प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे दोनों राज्य के प्रचार कर चुके हैं. इसके पीछे गहलोत से उनकी नाराजगी को भी एक वजह माना जा रहा है. राजस्थान में विधायक दल की बैठक न होने की बात हो या टिकट बंटवारे की, जिस तरह राहुल गांधी ने गहलोत पर सवाल उठाए उससे साफ है की वो गहलोत के नेतृत्व से असहज हैं. सुनील कोनुगोलु के सर्वे में लगभग 40 फीसदी विधायकों के टिकट काटने की बात न मानने की वजह से भी राहुल गहलोत से असहज हैं. यही वजह है की वो राजस्थान में उतना ध्यान नहीं दे रहे जितना बाकी राज्यों में.
गहलोत ने पार्टी अध्यक्ष से क्या कहा?
कांग्रेस नेता आलोक शर्मा ने इस पर कहा कि पार्टी कह रही है की राहुल पहले वहां ध्यान दे रहे हैं, जहां नवंबर की शुरुआत के वोटिंग है. लेकिन तेलंगाना जहां सबसे बाद में वोटिंग है वहां राहुल गांधी की अति सक्रियता से ये दावा खोखला ही साबित हो रहा है. हालांकि गहलोत ने जब खड़गे तक अपनी बात पहुंचाई की राहुल गांधी के न आने से गलत संदेश जा रहा है तब तय हुआ की राहुल गांधी 16 नवंबर के बाद राजस्थान के कई दौरे करेंगे.
गहलोत पायलट को भी दे रहे तवज्जो!
चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद प्रियंका ने झुंझनू और कोटा में रैली की जबकि खड़गे ने बरन और जोधपुर में दो रैली की है. राहुल गांधी ने 23 सितंबर को जयपुर में कार्यकरता सम्मेलन में शिरकत की थी लेकिन उसके बाद उन्होंने राजस्थान की तरफ नहीं देखा. साथ ही पार्टी में एकजुटता का संदेश जाए इसलिए गहलोत को पार्टी के पोस्टरों में सचिन पायलट की तस्वीरों को भी भरपूर जगह देने की ताकीद की गई है.