
राजधानी की एक अदालत ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस से कहा कि अगर उसे सामाजिक कार्यकर्ता शहला राशिद को गिरफ्तार करना है तो उसे इसके लिए गिरफ्तारी से 10 दिन पहले उन्हें (शहला को) नोटिस जारी करना होगा। शहला राशिद के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर राजद्रोह का मामला दर्ज है। आरोप लगाया गया है कि शहला की सोशल मीडिया पोस्ट में कथित तौर पर भारतीय सेना की बदनामी की गई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा का यह आदेश कोर्ट द्वारा शहला के खिलाफ आरोपों की प्रकृति पर विचार किए जाने व जांच अधिकारी के तथ्यों के बाद आया है। जांचकर्ता अधिकारी ने कोर्ट से कहा कि जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “आरोपों की प्रकृति को ध्यान रखते हुए और जांच अधिकारी के तथ्यों पर विचार करते हुए कि जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है, इस आदेश के साथ अग्रिम जमानत अर्जी का निपटारा किया जा रहा है कि अगर अर्जी दायर करने वाली/आरोपी की गिरफ्तारी की जरूरत होती है तो उसे 10 दिन पहले गिरफ्तारी का नोटिस जारी किया जाए।”
कश्मीरी कार्यकर्ता व जेएनयू की छात्र नेता शहला राशिद के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में सेना द्वारा कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर की गई टिप्पणी पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।