कैसे तय होगा NRC से बाहर हुए लोगों का भविष्य, 19 लाख लोग, 120 दिन और 521 अदालतें


असम (Assam) में शनिवार को जारी हुई नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़ंस (National Register of Citizens) की आखिरी सूची में से 19 लाख लोग बाहर हो गए हैं. सूची से बाहर हुए लोगों को अब फॉरेनर्स ट्रिब्युनल में अर्जी देनी पड़ेगी. लेकिन राज्य में सिर्फ 521 फॉरेनर्स ट्रिब्युनल (Foreigners Tribunal) में 19 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए इम्तिहान देना होगा. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दिन पहले ही गुवाहाटी हाईकोर्ट (Guwahati Highcourt) ने विदेशी न्यायाधीकरण के सदस्य के तौर पर 221 लोगों के नाम की घोषणा की गई है. एक हफ्ते के अंदर इन 221 लोगों की नियुक्तियां कर दी जाएंगी.

असम में फिलहाल 100 विदेशी न्यायाधिकरण हैं. जल्द ही राज्य के सभी जिलों में 221 न्यायाधिकरणों की स्थापना की जाएगी. वहीं राज्य में दिसंबर तक राज्य सरकार 200 अतिरिक्त फॉरेनर्स ट्रिब्युनल बनाए जाएंगे. ऐसे में इस साल 521 फॉरेनर्स ट्रिब्युनल काम शुरू कर देंगे. कोर्ट जैसे काम करने वाले फॉरेनर्स ट्रिब्युनल की स्थापना विशेष मामलों की सुनवाई के लिए की जाती है. इसमें जज के अलावा अधिकारी भी होते हैं. आपको बता दें असम में एनआरसी की सुनवाई इन्हीं ट्रिब्युनल में की जाएगी.

हिरासत में नहीं लिए जाएंगे सूची से बाहर हुए लोग केंद्रीय गृह मंत्रालय और असम सरकार ये साफ तौर पर कह चुकी है कि एनआरसी की सूची से बाहर हुए लोगों को हिरासत में नहीं लिया जाएगा. सूची से बाहर हुए 19 लाख लोगों को सबसे पहले 120 दिनों के अंदर फॉरेनर्स ट्रिब्युनल में अपील दाखिल करनी होगी. फॉरेनर्स ट्रिब्युनल में भी सकारात्मक परिणाम न आने पर आवेदक को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी अपील कर सकते हैं.

इंडिया टुडे के मुताबिक सूची से बाहर लोगों को सरकार एक नोटिस भेजेगी जिस दिन ये नोटिस रिसीव किया जाएगा, उस दिन के अगले 120 दिन के अंदर उसे फॉरेनर्स ट्रिब्युनल में अपील करनी होगी. इसके लिए सूची से बाहर हुए लोगों को 24 मार्च 1971 से पहले के डॉक्यूमेंट पेश करने होंगे. इनमें जिनके पास वैलिड डॉक्यूमेंट होंगे उन्हें सरकार की ओर से मुफ्त में कानूनी सहायता दी जाएगी.

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