यहां की एक सत्र अदालत ने सोमवार को तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी (V Senthil Balaji ) की न्यायिक हिरासत अवधि 22 नवंबर तक बढ़ा दी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें ‘नौकरी के बदले नकदी घोटाला’ मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था.
प्रधान सत्र न्यायाधीश एस. अल्ली ने उनकी न्यायिक हिरासत अवधि 22 नवंबर तक बढ़ा दी. सेंथिल बालाजी को पुझल केंद्रीय कारागार से वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किया गया था. जब यह मामला सुनवाई के लिए आया, तो द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता बालाजी की ओर से पेश वकील अरुण ने एक याचिका दायर कर अनुरोध किया कि जांच के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा जब्त दस्तावेजों की प्रतियां सौंपने के लिए ईडी को निर्देश दिया जाए.
अदालत ने इस याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का ईडी को निर्देश दिया और मामले में अगली सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख तय की.
जानें क्या है पूरा मामला
वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ मामला तमिलनाडु परिवहन विभाग में बस कंडक्टरों की नियुक्ति के साथ-साथ ड्राइवरों और जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है. सेशन कोर्ट की रिमांड के बाद, सेंथिल बालाजी को न्यायिक हिरासत में रखा गया था. हालांकि, जेल भेजे जाने के बजाय, उन्हें एक निजी अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया जहां पर उनकी बाईपास सर्जरी की गई थी. मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सेंथिल बालाजी को 14 जून को गिरफ्तार किया था. यह मामला उस समय का है, जब सेंथिल बालाजी पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री थे.