कैश फॉर क्वेरी: टीएमस सांसद महुआ मोइत्रा की बढ़ेंगी मुश्किलें, CBI ने प्रारंभिक जांच शुरू की

पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने (कैश फॉर क्वेरी) के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. अब इस मामले की सीबीआई ने PE दर्ज करते हुए प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है. दरअसल कैश फॉर क्वेरी मामला उस समय सुर्खियों में आ गया था जब सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के एक पत्र का हवाला देते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद पर गंभीर आरोप लगाए थे और जांच की मांग की थी. उन्‍होंने दावा किया था कि टीएमसी सांसद ने संसद में सवाल पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली थी.

बिजनेसमैन दर्शन ने हलफनामे में क्या-क्या कहा
आरोपी बिजनेसमैन दर्शन ने अपने हलफनामे में कहा कि कई मौकों पर उसकी महुआ मोइत्रा से मुलाकात हुई थी और वह टीएमसी सांसद से रोजाना से लेकर साप्ताहिक तौर पर बातचीत करता था. उसने हलफनामे में कहा, ‘उन्होंने एक सांसद के रूप में अपनी ईमेल आईडी मेरे साथ साझा की, ताकि मैं उन्हें जानकारी भेज सकूं और वह संसद में सवाल उठा सकें. मैं उनके प्रस्ताव के साथ गया… कुछ जानकारी मेरे साथ साझा की गई, जिसके आधार पर मैंने जरूरत पड़ने पर उनके संसदीय लॉगिन का उपयोग करके प्रश्नों का मसौदा तैयार किया और पोस्ट करना जारी रखा.’ दर्शन ने यह भी दावा किया कि टीएमसी नेता ने उनसे कई तरह की मदद मांगी. उन्होंने कहा कि कई बार मुझे लगा कि वह मेरा अनुचित फायदा उठा रही हैं और मुझ पर उन चीजों को करने के लिए दबाव डाल रही हैं, जो मैं नहीं चाहता था, लेकिन उपरोक्त कारणों से मेरे पास कोई विकल्प नहीं था.

निशिकांत दुबे ने स्पीकर को लिखा था खत
दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ स्पीकर को खत लिखा था और आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा के संसद की लॉगइन आईडी से एक उद्योगपति को लॉगइन करने का पासवर्ड दिया गया. निशिकांत दुबे ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक व्यवसायी से धन लेने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक ‘जांच समिति’ गठित करने का लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया था. निशिकांत दुबे ने बिरला को ‘संसद में ‘सवाल पूछने के लिए नकदी लेने’ का मामला फिर से सामने आने को लेकर पत्र लिखा और उन्होंने पत्र में ‘विशेषाधिकार के गंभीर उल्लंघन’, ‘सदन की अवमानना’ और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-ए के तहत एक अपराध में संसद सदस्य (लोकसभा) महुआ मोइत्रा की सीधी संलिप्तता का आरोप लगाया है. दुबे ने एक वकील से मिले पत्र का हवाला देते हुए कहा कि वकील ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता और एक व्यवसायी के बीच रिश्वत के लेन-देन के ‘अकाट्य’ सबूत साझा किए हैं.

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *