पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में स्थित कृष्णानगर लोकसभा सीट बड़े मुकाबले का साक्षी होने जा रही है. कृष्णानगर में एक तरफ जहां तृणमूल कांग्रेस ने विवादों में घिरी नेता महुआ मोइत्रा को फिर से उम्मीदवार बनाया है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने कृष्णानगर के पूर्व शाही परिवार की सदस्य अमृता रॉय को आगे कर बड़ा दांव खेला है. अमृता रॉय को स्थानीय लोग प्यार से ‘राजमाता’ कहते हैं.
अमृता रॉय यूं तो 20 मार्च को भाजपा में शामिल हुई थीं लेकिन चर्चा में तब आईं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नामांकन के तुरंत बाद व्यक्तिगत रूप से उन्हें समर्थन देने के लिए फोन किया. बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने बड़ी चौंकाने वाली बात कही जिसपर सियासी जंग भी छिड़ गयी है. प्रधानमंत्री ने अमृता रॉय से कहा कि वे कानूनी सलाह ले रहे हैं जिनसे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बंगाल के गरीबों से लूटे गए 3 हजार करोड़ रुपये ई़डी की ओर से भ्रष्टाचारियों से जब्त की गई संपत्ति के जरिए उन्हीं लोगों को वापस लौटाए जाएं.
पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर में 18वीं सदी में तत्कालीन महाराजा कृष्ण चंद्र रॉय का राज हुआ करता था. राजा कृष्ण चंद्र को सामाजिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक सुधारों के लिए याद किया जाता है. उनके परिवार का योगदान बंगाल को अच्छे से याद है और इसके चलते ही अमृता रॉय का सियासी रसूख काफी मजबूत माना जा रहा है. इसी कारण बीजेपी ने महुआ मोइत्रा के सामने अमृता रॉय पर दांव खेला है. कृष्णानगर के इसी राज परिवार को लेकर सियासत चल रही है. टीएमसी उनके परिवार को ‘गद्दार’ करार दे रही है तो वहीं भाजपा उनके गुणगान करते नहीं थक रही.