कृषि निर्यात नीति को लागू करने के लिए 8 राज्यों ने बनाई कार्य-योजना


कृषि उत्पादों का निर्यात दोगुना करने के मकसद से बनाई गई कृषि निर्यात नीति को अमलीजामा पहनाने के लिए देश के आठ राज्यों में कार्य-योजना तैयार कर ली गई है। यह जानकारी आज एक आधिकारिक बयान में दी गई। केंद्र सरकार ने पिछले साल कृषि निर्यात नीति की घोषणा की थी, जिसके तहत कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाकर दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है ताकि इससे किसानों की आमदनी दोगुनी करने में मदद मिल सके। मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, नागालैंड, तमिलनाडु, असम, पंजाब और कर्नाटक ने राज्य कार्य योजना को अंतिम रूप दे दिया है और अन्य राज्यों में कार्य-योजना को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है।

बयान में कहा गया कि कृषि निर्यात नीति को प्रभावी तरीके से अमल में लाने के लिए कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा राज्यों की बड़ी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। राज्यों की कार्य योजना तैयार करने के लिए एपीडा द्वारा पूरे साल प्रदेश सरकारों के अधकारियों और अन्य हितधारकों के साथ लगातार बैठकें चलती रहीं। इस कार्य-योजना के तहत कृषि निर्यात नीति को लागू करने के लिए उत्पादन क्लस्टर, क्षमता निर्माण, बुनियादी ढांचा, लॉजिस्टिक्स और अनुसंधान व विकास समेत बजटीय आवश्यकताएं शामिल हैं।

वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि निर्यात बढ़ाने और व्यापार के क्षेत्र की मौजूदा कठिनाइयों को दूर करने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय समेत अन्य एजेंसियों के साथ कई दौर की बातचीत की गई। कई राज्यों ने नोडल एजेंसी और नोडल अधिकारी को नामित किया है और राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग कमेटियां बनाई गई हैं।

इस दिशा में नेशनल को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए जिससे कृषि निर्यात नीति में सहकारी संगठनों को शामिल किया जा सके। साथ ही, एपीडा ने फार्मर कनेक्ट पोर्टल बनाया है जिस पर 800 से अधिक फार्मर प्रोड्यूसर संगठनों (एफपीओ) ने पंजीकरण करवाया है।

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