कांग्रेस-बीजेपी के साथ युवाओं की भी राजस्थान के चुनाव नतीजों पर नजर… ये मुद्दे हैं अहम

अधिगम कोचिंग संस्थान को अतिक्रमण करने के कारण जनवरी में ध्वस्त कर दिया गया था. आज यहां कोचिंग संस्थान का मलबा और धूल है. उदास छात्र यहां से गुजरते हैं तो सोचते हैं कि आगे क्या होगा. यह उन कई कोचिंग संस्थानों में से एक है, जो गोपालपुरा बाईपास रोड पर स्थित हैं और छात्रों की उथल-पुथल और त्रासदी का साक्षी है.

राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से इन छात्रों को उम्मीद जगी है. न्यूज18 ने उनसे बात की.

गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान में एक रैली में कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सत्ता में आती है तो यह सुनिश्चित करेगी कि पेपर लीक न हो. जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, ”इन कोचिंग संस्थानों का मालिकाना हक मंत्रियों या उनके परिवारों के पास है. आप जांच की मांग करते हैं तो वे कहते हैं कि चुनाव नजदीक हैं. लेकिन पेपर लीक नहीं होना चाहिए. इससे इन छात्रों का जीवन खतरे में है.”

कभी न खत्म होने वाला इंतजार
मुकेश गुर्जर बमुश्किल अपने आंसू रोक पाते हैं. वह अपने कोचिंग संस्थान के पास एक हॉस्टल में रहकर साल में कम से कम 2 लाख रुपये तक खर्च करते हैं. उन्होंने दो साल पहले आरईईटी परीक्षा दी थी, लेकिन अभी तक उसका परिणाम नहीं आया है. मुकेश गुर्जर ने कहा, ‘मेरे माता-पिता हैरान हैं कि क्या होगा. मैं एक बेहतर नौकरी, सरकारी नौकरी चाहता था, लेकिन अब मुझे कोई भविष्य नहीं दिख रहा है. मैं अभी भी पढ़ाई कर रहा हूं. मैं जानता हूं कि मैंने परीक्षा में अच्छा किया है और मैं पास हो जाता.’

पेपर देकर हॉल से निकले तो मालूम पड़ा कि लीक हो गया
रवि शर्मा जयपुर के एक निजी अस्पताल में सहायक स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में काम करते हैं. लेकिन ये रवि का पसंदीदा काम नहीं है. वह सरकारी अस्पताल में सरकारी पद पर काम करना चाहते हैं, यानी उऩकी इच्छा सीएचओ बनने की है. उन्होंने 2021 में परीक्षा दी और अभी भी रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. रवि शर्मा  ने कहा, ‘मैंने अपनी परीक्षा दी और हॉल से बाहर आ गया. मुझे तुरंत मेरे दोस्त से एक वॉट्सऐप मैसेज मिला. पूरा प्रश्नपत्र लीक हो गया. हमसे किसी ने कुछ नहीं कहा, हम तब से इंतजार कर रहे हैं. मुझे अपने परिवार की देखभाल करनी है. मेरे पास कोई विकल्प नहीं था, इसलिए मैंने यह नौकरी कर ली जो मेरे ग्रेड से नीचे है.’

मतदान करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ युवा
हालांकि, युवा, जो विकास को कम होती आशा के साथ देखते हैं, इस बार मतदान करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे वोट से फर्क पड़ेगा. सचिन पायलट ने हमारा मुद्दा उठाया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न्याय का भरोसा दिया है. शायद हमारा एक वोट नेताओं को नींद से जगा दे.’

मौके की तरह देख रही भाजपा
बार-बार असफलता, पेपर लीक और नतीजों में देरी ही कोचिंग संस्थानों को अधिक पैसा कमाने में मदद करती है. परीक्षा पास करने का दृढ़ संकल्प यह सुनिश्चित करता है कि छात्र परीक्षा में वापस आते रहें, जिससे दुष्चक्र को तोड़ना कठिन हो जाता है. इस बार भाजपा को इसे मुद्दा बनाकर पहली बार वोट देने वाले एक लाख मतदाताओं का दिल जीतने की उम्मीद कर रही है.

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