एफपीआई ने वित्तमंत्री से की सरचार्ज हटाने की मांग


पूंजी बाजार के भागीदारों तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और निवेशकों का मनोबल बढ़ाने के लिये उनके सामने कुछ मांगें रखीं। सूत्रों ने कहा इन मांगों में एफपीआई पर कर-अधिभार में वृद्धि वापस लिए जाने , लाभांश वितरण कर की समीक्षा करने तथा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर (एलटीसीजी) में कमी करने जैसी कई मांगें में शामिल हैं।

सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्री ने उन्हें ध्यान से सुना लेकिन इन विषयों पर कोई ठोस वादा करने से अपने आप को रोका। वित्त मंत्री निवेश बढ़ाने तथा अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उपाय तय करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर रही है। यह बैठक इसी सिलसिले में थी।

उद्योग जगत तथा आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि की ओर से शेयरों में निवेश का बढ़ाने का भी सुझाव दिया गया। बैठक में एलटीसीजी को हटाने या कम से कम घटाने की मांग की गयी। भागीदारों ने एफपीआर्इ के लिये मौजूदा केवाईसी प्रावधानों को लेकर आपत्ति दर्ज की और कारोबार सुगम बनाने के तहत इसे आसान करने की मांग की। उन्होंने मसाला बांड (विदेशों में जारी रुपया अंकित बांड) से विथहोल्डिंग कर हटाने की भी मांग की।

बैठक में गोल्डमैन सैक्स, नोमुरा, ब्लैकरॉक, सीएलएसए, बार्कलेज और जेपी मॉर्गन जैसे एफपीआई ने भाग लिया। एनएसई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक विक्रम लिमये ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि मंत्री ने ‘बहुत गौर से बातें सुनीं। हालांकि लिमये ने बैठक में हुई चर्चा के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी।

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