
वित्तीय संकट से घिरे समूह आईएलएंडएफएस ने एनसीएलटी को सूचित किया है कि बैंकों ने एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ जाकर पिछले आठ महीनों में कंपनी से 759 करोड़ रुपये बकाया की वसूली की है, जो कि लेनदार द्वारा बलपूर्वक की गई कार्रवाई है। एनसीएलटी को दिए गए पांचवें प्रगति रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने कहा कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों की यह कार्रवाई कंपनी को जिन्दा रखने के प्रयासों को झटका दे रही है, जोकि ‘चिन्ता का विषय’ है।
आईएलएंडएफएस ने अपनी नवीनतम प्रगति रिपोर्ट में कहा, “एनसीएलएटी के अक्टूबर 2018 में दिए गए आदेश के खिलाफ कुछ बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने आईएलएंडएफए समूह की ‘अंबर’ और ‘रेड’ वर्गीकृत की गई कंपनियों के खातों से अपने बकाया रकम के हिस्सों की वसूली की।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएलएंडएफएस समूह की कंपनियों को कर्जदाताओं द्वारा कैश क्रेडिट सुविधाओं के संदर्भ में कुछ बैंकों और वित्तीय संस्थान समूह के चालू खातों से मासिक आधार पर कर्ज की वसूली कर अपने हित साध रहे हैं।
कंपनी ने एनसीएलटी से कहा, “अगर आईएलएंडएफएस समूह के कर्जदाता ऐसी कार्रवाई करते रहे तो इसका नतीजा यह होगा कि कंपनियों का परिचालन प्रभावित होगा और उनका मूल्य गिरेगा, जोकि ‘चिंता का विषय’ है।”
कंपनी ने कहा कि लागत घटाने के उपायों के तहत नए निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए परिचालन खर्च में 26.22 फीसदी कटौती का लक्ष्य हासिल कर लिया है, जिसे चौथी प्रगति रिपोर्ट में निर्धारित किया गया था।
नए निदेशक मंडल ने यह लक्ष्य परिचालन खर्च में 32 फीसदी की कटौती कर हासिल किया है।
प्रगति रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आईएलएंडएफएस अभी भी कर्जो की किश्तें चुकाने में असमर्थ है, क्योंकि कंपनी की वित्तीय हालत अच्छी नहीं है।