
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना करते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर अपने रुख से पलट रहे हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा, “प्रधानमंत्री ने दिल्ली में चौंकाने वाली बात कही कि एनआरसी पर कोई चर्चा नहीं हुई है। हमने देखा है कि कैसे संसद में और अपने साक्षात्कार के दौरान अमित शाह ने कहा कि वे (भाजपा) राष्ट्रव्यापी एनआरसी को लागू करेंगे।”
थरूर पिछले महीने दिल्ली के रामलीला मैदान में मोदी के भाषण का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि एनआरसी के बारे में कोई चर्चा नहीं हो रही है।
थरूर एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उनसे भाजपा द्वारा कांग्रेस पर लगाए गए उस आरोप के बारे में पूछा गया था, जिसमें उसने कहा था कि कांग्रेस विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और एनआरसी पर लोगों को गुमराह कर रही है।
थरूर ने शुक्रवार को आठ फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए दिल्ली कांग्रेस की ओर से अभियान में भी हिस्सा लिया और पार्टी के चुनावी घोषणापत्र के लिए सुझाव और विचार मांगे।
उन्होंने कहा, “संवाद महत्वपूर्ण है। हमें एक ऐसा घोषणापत्र चाहिए जो लोगों की जरूरतों को दर्शाता हो।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में सीएए के किसी भी विरोधी प्रदर्शन में भाग नहीं लेने के सवाल पर थरूर ने कहा, “केजरीवाल अपने पक्ष में सीएए के समर्थक और विरोधी दोनों का वोट चाहते हैं।”
इस दौरान थरूर ने जामिया मिलिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसक झड़पों में व पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए छात्रों से मुलाकात नहीं करने पर भी केजरीवाल पर निशाना साधा।