एकनाथ शिंदे गुट के दो नेता क्यों एक-दूसरे को बता रहे गद्दार? क्या है मुंबई की इस सीट की कहानी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के दो नेताओं गजानन कीर्तिकर और रामदास कदम के बीच उत्तर पश्चिम मुंबई लोकसभा सीट को लेकर मंगलवार को भी खींचतान जारी रही और मुख्यमंत्री को खुद मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा. अनुभवी नेता और उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से दो बार के सांसद कीर्तिकर आगामी आम चुनाव लड़ना चाहते हैं जबकि कदम की भी नजर इस सीट पर है क्योंकि वह अपने बेटे सिद्धेश कदम को यहां से उम्मीदवार देखना चाहते हैं.

कदम ने कहा, ‘‘गजभाऊ (कीर्तिकर) ने कहा था कि वह अपनी उम्र के कारण चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन जब उद्धव ठाकरे ने उनके बेटे (अमोल कीर्तिकर) को इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया तो वह जवान कैसे हो गए. क्या बेटे के लिए एकनाथ शिंदे से टिकट लेने की योजना है क्योंकि आप और आपका बेटा एक ही कार्यालय से काम करते हैं.’’कदम ने कहा कि वह अपने बेटे सिद्धेश के लिए टिकट नहीं मांगेंगे.

गजानन कीर्तिकर मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से जुड़े हैं जबकि उनका बेटा अमोल कीर्तिकर अब भी शिवसेना (यूबीटी) में है. रामदास कदम शिवसेना के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्य मंत्री हैं और उनके दूसरे बेटे योगेश कदम दापोली से विधायक हैं.

कीर्तिकर ने कदम को कहा गद्दार
दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग के बीच कीर्तिकर ने सोमवार को रामदास कदम को ‘गद्दार’ करार दिया. कदम ने मंगलवार को मुंबई में मुख्यमंत्री शिंदे से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की और उनके साथ पूरे घटनाक्रम पर चर्चा की. शिंदे से मुलाकात के बाद कदम ने कहा कि कीर्तिकर के साथ मामला उनके मीडिया से बातचीत करने से पहले सुलझ जाना चाहिए था. कदम ने यह भी कहा कि उन्हें गजानन कीर्तिकर के उत्तर-पश्चिम मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से कोई समस्या नहीं है.

कदम और कीर्तिकर पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब ने कहा कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को और अपनी ‘गद्दारी’ को भी बेनकाब कर दिया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि अमोल कीर्तिकर को शिवसेना (यूबीटी) मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से मैदान में उतारेगी. परब ने अमोल की जीत का भी भरोसा जताया.

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