उन्नाव आंदोलन में समूचा विपक्ष प्रियंका के साथ


उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उन्नाव आंदोलन का नेतृत्व कर रही हैं और समूचा विपक्ष उनका साथ दे रहा है। पार्टी ने रविवार को यह दावा किया।

कांग्रेस का कहना है कि विपक्ष और सरकार को यह उम्मीद नहीं थी कि कांग्रेस की तरफ से इस तरह का आंदोलन किया जाएगा। कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में उभरी है, जो जनता के मुद्दे जोरशोर से उठा रही है।

आंदोलन के दौरान कांग्रेस नेता जतिन प्रसाद को हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने कहा, “विपक्ष कहां है? प्रदेश में हम विपक्ष हैं और हम हर रोज जनता के मुद्दे उठा रहे हैं।”

उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद शनिवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ आंदोलन किया तो उधर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अनशन किया और मायावती ने पीड़िता पर अत्याचार के मुद्दे को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की।

सूत्रों ने बताया कि प्रियंका गांधी जब पीड़िता के परिवार से मिलने उसके गांव पहुंच गईं तब बेचैन अन्य विपक्षी पार्टियों ने कुछ अलग रणनीति अपनाने की सोची। वहीं, कांग्रेस महासचिव ने पूर्व निर्धारित अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए। उन्होंने पार्टी नेताओं को प्रदर्शन रैली निकालने और धरना देने का निर्देश दिया। उन्नाव में कांग्रेस का आंदोलन तुरंत शुरू हो गया।

राज्य के कई मंत्री जब उन्नाव में प्रवेश करने लगे तो आंदोलनकारियों ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद जितिन प्रसाद और पी.एल. पुनिया जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया गया और कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया।

यह दूसरा मौका था जब प्रियंका के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने आक्रामकता दिखाई। इससे पहले सोनभद्र आंदोलन कर उन्होंने प्रदेश सरकार को चौंका दिया था और अन्य विपक्षी पार्टियां भी हैरान रह गई थीं।

कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी ने कहा, “वैसे तो हर विपक्षी पार्टी को नागरिकों के वाजिब मुद्दों को उठाने का हक है, लेकिन प्रियंका समस्या को अच्छी तरह जानती हैं और वह समझती हैं कि वह आगे बढ़ेंगी तो महिलाओं का कारवां उनके साथ होगा। जहां तक विपक्ष का सवाल है, तो जो सड़कों पर उतरेगा, जनता उसकी तरफ आकर्षित होगी और प्रियंका गांधी वही कर रही हैं।”

एक कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी लंबे अरसे बाद लड़ना सीख रही है। समाजवादी पार्टी की सरकार के समय उसे समर्थन दिए जाने की बात को अगर छोड़ दिया जाए तो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 1989 से ही विपक्ष में रही है।

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