इजरायल-हमास जंग जारी है. संयुक्त राष्ट्र में लगातार इजरायल की ओर से जारी बमबारी रोक देने की अपील की जा रही है. लेकिन प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि अब ये जंग हमास के खात्मे के साथ ही खत्म होगी. इसी बीच, गाजा पट्टी में संचार और इंटरनेट सर्विस बंद हो गई है. इससे मानवीय सहायता पहुंचाने वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसे देखते हुए बिजनेसमैन एलन मस्क ने एक्स पर कुछ ऐसी बात लिख दी है, जिससे अमेरिकी सरकार को गुस्सा आ सकता है. दरअसल, मस्क ने अपनी पोस्ट में वादा किया है कि वह गाजा पट्टी में स्टारलिंक की इंटरनेट सेवा मुहैया कराएंगे.
पहले अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज़ ने एक्स पर एक पोस्ट कहा, “2.2 मिलियन की आबादी के लिए सभी संचार बंद करना अस्वीकार्य है. पत्रकार, चिकित्सा पेशेवर, मानवीय प्रयास और निर्दोष सभी खतरे में हैं.” “मुझे नहीं पता कि इस तरह के कृत्य का बचाव कैसे किया जा सकता है. अमेरिका ने ऐतिहासिक रूप से इस प्रथा की निंदा की है.” इसके जवाब में एलन मस्क ने लिखा, “स्टारलिंक गाजा में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सहायता संगठनों को कनेक्टिविटी का समर्थन करेगा.”
क्या है स्टारलिंक?
स्टारलिंक एक सेटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस है. स्टारलिंक, हजारों छोटे सेटेलाइट की मदद से हाई स्पीड इंटरनेट सेवा प्रदान करता है. इसके लिए कंपनी लो अर्थ आर्बिट सेटेलाइट का इस्तेमाल करती है. धरती से तकरीबन 500 किलोमीटर की ऊंचाई पर मौजूद रहने वाला एक सेटेलाइट 90 मिनट में पूरी पृथ्वी का चक्कर लगा लेता है. फिलहाल कंपनी के 2200 सेटेलाइट धरती के प्रत्येक कोने में इंटरनेट सुविधा देने के लिए काम कर रहे हैं.
फोन और इंटरनेट ठप, लोग हो रहे परेशान
इजरायल ने गाजा पट्टी में इंटरनेट और संचार के अन्य माध्यम बंद कर दिए हैं, जिससे वहां रहने वाले 23 लाख लोगों का आपस में और बाहरी दुनिया से संपर्क कट गया है. इजरायल ने शुक्रवार रात से गाजा पर हवाई और जमीनी हमले भी तेज कर दिए हैं. इजरायल की सेना ने कहा कि वह क्षेत्र में जमीनी अभियान ‘व्यापक’ कर रही है. गाजा के लोग उस वक्त दशहत में आ गए, जब मैसेजिंग ऐप अचानक बंद होने के कारण परिवारों के साथ उनका संपर्क कट गया और कॉल आने बंद हो गए. वेस्ट बैंक के रामल्ला शहर में महिलाओं की एक संस्था की निदेशक वफ़ा अब्दुल रहमान ने कहा, ‘मैं बहुत डर गई. मेरी कई घंटों से मेरे परिवार से कोई बातचीत नहीं हुई है.’ कब्जे वाले क्षेत्रों के लिए संयुक्त राष्ट्र के मानवीय समन्वयक लिन हेस्टिंग्स ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि फोन और इंटरनेट सेवा के बिना अस्पताल और सहायता अभियान संचालित नहीं हो सकेंगे.