इस महीने की शुरूआत में आतंकवादी संगठन हमास द्वारा इजरायल पर हमला करने के बाद इजरायल ने फिलिस्तीन पर हमला बोल दिया. खासकर गाजा में इजरायल के हमले के बाद हर ओर तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. इस बीच हमले के बाद हमास को नई चिंता सताने लगी है. मानवीय और पर्यावरणीय संकट की चेतावनी देते हुए हमास सरकार का कहना है कि गाजा में इजरायली हवाई हमलों से नष्ट हुई इमारतों के मलबे में 1,000 से अधिक फिलिस्तीनियों के शव दबे हुए हैं.
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार हमास सरकार के एक प्रवक्ता इयाद अल-बोज़ोम ने सोमवार को एक बयान में सड़ते शवों पर चिंता व्यक्त की. इससे एक दिन पहले फिलिस्तीनी नागरिक सुरक्षा टीम ने रविवार को एक बयान में कहा कि इमारतों पर हमला होने के 24 घंटे बाद कई अन्य लोगों को जीवित निकाले जाने के बाद मलबे के नीचे 1,000 से अधिक लोग लापता थे.
गाजा में मरने वालों की संख्या 2750
बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास के सैकड़ों आतंकवादी सीमा पार कर इजरायल की सीमा में घुस गए. इसके बाद उन्होंने आम नागरिकों पर हमला बोल दिया. इस हमले में कम से कम 1400 लोग मारे गए और दर्जनों लोगों के बंदी बना लिया गया. इसके बाद से ही इजरायल गाजा पट्टी में हवाई हमले कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार गाजा में मरने वालों की संख्या सोमवार को 2,750 तक पहुंच गई, जबकि घायलों की संख्या 9,700 हो गई.
इजरायल द्वारा हमास की संपूर्ण घेराबंदी
शुक्रवार की सुबह इजरायली सेना द्वारा गाजा से लोगों को जाने के लिए कहा गया. इजरायली सरकार द्वारा दस लाख से अधिक लोगों को घनी आबादी वाले गाजा शहर सहित गाजा पट्टी के उत्तर को खाली करने का आदेश दिया. यह आदेश गाजा के 23 लाख निवासियों में से लगभग आधे पर लागू होता है. पिछले सोमवार को इजरायल ने हमास की ‘संपूर्ण घेराबंदी’ की घोषणा करते हुए गाजा के लिए खाना, बिजली, दवा और अन्य आपूर्ति को रोक दिया. इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने पिछले सप्ताह एक वीडियो बयान में कहा ‘हम गाजा पर पूरी तरह से घेराबंदी कर रहे हैं… न बिजली, न भोजन, न पानी, न गैस – यह सब बंद है.’ उन्होंने फिलीस्तीनियों को ‘जानवर’ बताते हुए इस कदम को उचित ठहराया.