इजरायल और हमास की लड़ाई के बाद गाजा पट्टी में बुरे हालात हैं. फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा है कि हजारों लोग भोजन और जरूरत का अन्य सामान लेने के लिए गाजा सहायता गोदामों पर टूट पड़े.
गाजा में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) की एजेंसी के निदेशक थॉमस व्हाइट ने रविवार को कहा कि जिस प्रकार से लोग टूट पड़े यह चिंताजनक है और इस बात के संकेत देते हैं कि इजराइल और गाजा के हमास शासकों के बीच तीन सप्ताह के युद्ध के बाद नागरिक व्यवस्था ध्वस्त होनी शुरू हो गई है.
इस एजेंसी को यूएनआरडब्ल्यूए (UNRWA) के नाम से जाना जाता है और यह गाजा में लाखों लोगों को बुनियादी सेवाएं प्रदान कराती है. क्षेत्र में इसके सभी स्कूल संघर्ष से विस्थापित हुए फलस्तीनियों से खचाखच भर गए हैं.
इजरायल ने हमले तेज किये
इजरायल की सेना ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि वह हमास के खिलाफ युद्ध के दो उद्देश्यों को एक साथ प्राप्त कर सकता है, जिसमें गाजा पट्टी से आतंकवादियों की हुकूमत को उखाड़ फेंकना और इजराइल से अगवा किए गए करीब 230 बंधकों को रिहा कराना शामिल है. सेना ने गाजा पट्टी पर हवाई हमले और जमीनी आक्रमण तेज कर दिए हैं.
अब तक कितने लोगों की मौत?
आपको बता दें कि हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमला कर 1,400 से अधिक लोगों की हत्या कर दी थी, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच युद्ध छिड़ गया है. हमास नियंत्रित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल की जवाबी कार्रवाई में अब तक 7,700 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं.
इजराइल की सरकार ने अभी यह नहीं बताया है कि बचाव अभियान कैसे चलाया जाएगा. शनिवार देर रात को टेलीविजन पर दिए संबोधन में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बंधकों के परिवार की पीड़ा को स्वीकार किया और वादा किया कि उनकी रिहाई हमास को खत्म करने के उद्देश्य के साथ इजराइल के युद्ध का ‘‘अभिन्न’’ हिस्सा है.