
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) को भारत के एक्ट ईस्ट नीति का अभिन्न हिस्सा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत समुद्री सुरक्षा, नीली अर्थव्यवस्था व मानवीय सहायता के क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत करने का इच्छुक है और उन्होंने आसियान के 10 सदस्य देशों के साथ भौतिक व डिजिटल रूप से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए एक अरब डॉलर के लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) का प्रस्ताव दिया।
भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा कि “दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन हमारे एक्ट ईस्ट पॉलिसी का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा। एकीकृत, व प्रगतिशील आसियान भारत के हित में है।”
उन्होंने भारत व आसियान के बीच भारत-प्रशांत दृष्टिकोण का भी स्वागत किया और कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी, भारत-प्रशांत दृष्टिकोण का मुख्य हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि भारत आसियान के साथ जमीनी, समुद्री व हवाई कनेक्टिविटी व डिजिटल लिंक बढ़ाने का इच्छुक है।
मोदी ने कहा, “भौतिक व डिजिटल लिंक के लिए एक अरब डॉलर की एलओसी उपलब्ध है। हमारी मंशा नवाचार, शोध, पर्यटन, व्यापार और दोनों तरफ के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की है।”
उन्होंने कहा, “इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए भारत आसियान देशों के साथ अपनी साझेदारी बढ़ाने के लिए तैयार है।”