जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने वाले केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सही ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान का रिएक्शन आया है. पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने गुरुवार को आरोप लगाया कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को बरकरार रखने वाला भारत के सुप्रीम कोर्ट का फैसला राजनीति से प्रेरित है.
कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान को कितना बड़ा झटका लगा है ये उनके कार्यकारी पीएम अनवर-उल-हक काकड़ की बौखलाहट से ही पता चल रहा है. नेशनल असेंबली में बोलते हुए काकड़ ने कहा, ‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, लोकिन उसे सबसे बड़ा पाखंडी देश कहा जाना चाहिए.’ उन्होंने भारत पर कश्मीर में तानाशाही चलाने का आरोप भी लगाया.
पाकिस्तान के केयर टेकर पीएम ने पीओके (Pakistan Occupied Kashmir) की विधानसभा के लिए विशेष सत्र बुलाया था, लेकिन इस दौरान देश की आर्थिक स्थिति पर बात करने के बजाय उन्होंने फिर से कश्मीर का राग अलापा. एक पाकिस्तानी अखबार ने कहा कि काकड़ ने कहा, ‘भले ही देश की आर्थिक स्थिति चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम अपने मूल हितों से पीछे नहीं हटेंगे.’
काकड़ ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की विधानसभा के एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘कश्मीर पाकिस्तान की गले की नस है. कश्मीर के बिना ‘पाकिस्तान’ शब्द अधूरा है. पाकिस्तान और कश्मीर के लोग अद्वितीय रूप से आत्मीयता से बंधे हुए हैं.’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद पूरा पाकिस्तानी नेतृत्व कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार के समर्थन में एकजुट है. उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू बना हुआ है.’
मालूम हो कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को सोमवार को सर्वसम्मति से बरकरार रखा और केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू कश्मीर) का राज्य का दर्जा ‘‘जल्द से जल्द’’ बहाल किए जाने एवं अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश भी दिया.