आरटीआई संशोधन विधेयक पर भाजपा ने डर फैलाने वालों से बचने को कहा


संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) संशोधन विधेयक पर आपत्ति जाहिर करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को लोगों से कहा कि उन्हें इस मामले में डर फैलाने वालों के प्रभाव में नहीं आना चाहिए।

विपक्ष की आपत्तियों के बीच सोमवार को लोकसभा में संशोधन विधेयक पारित हो गया।

एक विस्तृत बयान में भाजपा ने कहा कि आरटीआई संशोधन विधेयक किसी भी तरह से आरटीआई अधिनियम 2005 की स्वतंत्रता व स्वायत्तता से समझौता नहीं करता है।

बयान में कहा गया, “वर्तमान संशोधन महज कानून बनाने के लिए सक्षम बनाता है, जो सरकार को धारा 27 में संशोधन के तहत नियम बनाने के लिए अधिकृत करता है व आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा 16 व धारा 13 के जरिए केंद्र व राज्य सूचना आयोग की अवधि व सेवा शर्तो पर विचार करने की छूट देता है।”

भाजपा के ट्विटर हैंडल पर अपलोड किए गए एक बयान में भगवा पार्टी ने आठ बिंदुओं की एक सूची दी है। इसमें आरटीआई को मजबूत करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार के प्रतिबद्धता की बात कही गई है।

इसमें कहा गया है कि मोदी सरकार ने आरटीआई के लिए 24 घंटे पोर्टल सेवा व आरटीआई दाखिल करने के लिए सातों दिन 24 घंटे की मोबाइल एप्लिकेशन सेवा शुरू की है।

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