अयोध्या विवाद मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित


40 दिनों की मैराथन सुनवाई केबाद बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दशकों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 17 नवंबर के पहले किसी भी दिन आ सकता है। मालूम हो कि चीफ जस्टिस रंजन गोगई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

सुनवाई की आखिरी दिन सुप्रीम कोर्ट में ऐसा हुआ जो संभवत: पहले कभी नहीं हुआ। मुस्लिम पक्ष केवकील राजीव धवन ने अखिल भारतीय हिन्दू महासभा द्वारा पेश किए उस नक्शे को भरी अदालत में फाड़ दिया जिसमें जिसमें भगवान राम का सटीक जन्मस्थान होने का दावा किया गया था। धवन ने न सिर्फ इस नक्शे को मानने से इनकार कर दिया बल्कि उस नक्शे को फाड़ दिया।

चीफ जस्टिस रंजन गोगई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ के समक्ष बुधवार को सभी पक्षों की दलीलें पूरी हो गई, जिसकेबाद पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। बुधवार को सुनवाई की शुरुआत में ही में चीफ जस्टिस ने साफ कर दिया था कि सुनवाई किसी भी हालत में शाम पांच बजे पूरी हो जाएगी। लेकिन निर्धाधित समय से करीब एक घंटा पहले ही बहस पूरी हो गई। इसके अलावा पीठ ने सभी पक्षों से तीन दिनों के भीतर मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर अपना-अपना लिखित पक्ष पेश करने का निर्देश दिया है। पीठ ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई मौखिक बहस नहीं होगी।

40 दिनों तक चली अयोध्या मामले की सुनवाई इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि यह सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में केश्वानंद भारती मामले केबाद दूसरा ऐसा मामला है जिसकी सुनवाई 40 दिनों तक चली। 13 सदस्यीय संविधान पीठ ने केश्वानंद भारती मामले पर 62 दिन सुनवाई की थी।

अयोध्या भूमि विवाद मामला सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2010 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित था लेकिन इसकेमेरिट पर सुनवाई इसी वर्ष छह अगस्त से सुनवाई शुरू हुई थी। मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2010 में 2.77 एकड़ वाली विवादित जगह को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्माही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 अपील दायर की गई है और यह मामला पिछले नौ वर्षों से सुप्रीम कोर्ट में लंबित था।

मुस्लिम और हिंदू पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें अदालत के सामने पेश कीं। इस दौरान कोर्टरूम में ड्रामा देखने को मिला। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने हिंदू महासभा के वकील द्वारा पेश किए गए नक्शे को फाड़ दिया।

इससे पहले मंगलवार को सीजेआई ने कहा था कि सभी पक्ष 16 अक्तूबर तक मामले से संबंधित दलीलें पेश कर दें क्योंकि फिर उन्हें फैसला लिखने में चार सप्ताह का समय लगेगा। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अयोध्या मामले में एक पक्ष हिंदू महासभा के हस्तक्षेप के आवेदन को खारिज करते हुए कहा, ‘यह मामला शाम को खत्म हो जाएगा। बहुत हो चुका। हम और समय नहीं देंगे।’

क्या-क्या हुआ 

  • अयोध्या मामले पर सुनवाई पूरी, अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा। 23 दिन बाद आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला। तय वक्त से एक घंटे पहले ही सुनवाई खत्म।
  • लंच के बाद अयोध्या मामले की सुनवाई फिर शुरू हुई और मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें रखीं। उसे 45 मिनट का वक्त दिया गया। इस दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि हिंदू महासभा प्रस्तुतीकरण में खामियां हैं।
  • हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने ऑक्सफोर्ड की एक किताब का हवाला दिया और मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने किताब के नक्शे को फाड़ दिया। वकील के इस रवैये से सीजेआई रंजन गोगोई नाराज दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो वह उठकर चले जाएंगे।
  • सीजेआई गोगोई ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा का अयोध्या मंदिर को लेकर दी गई दलील पर कहा, ‘यदि इस तरह की बहस जारी रहेगी तो हम उठकर चले जाएंगे।’ इस पर हिंदू महासभा के वकील ने कहा, ‘मैं अदालत की बहुत इज्जत करता हूं। मैंने न्यायालय के शिष्टाचार को भंग नहीं किया है।’
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