नॉर्थ कोरिया (North Korea) के नेता किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने इस माह रूस का दौरा किया था. इस दौरे पर अमेरिका की पैनी नजर रही. साथ ही दोनों देशों के नेताओं की मुलाकात को अमेरिका शुरुआत से ही हथियारों के सौदे (Arms Deals) को लेकर वार्ता के रूप में देखता आ रहा है. ताजा मामला अब नॉर्थ कोरिया के पड़ोसी देश रूस से उड़ान भर चुके रूसी वायु सेना के इल्युशिन IL-62M विमान का सामने आया है, जोकि दो दिनों तक प्योंगयांग की जमीन पर रहा और अब गुरुवार को रूस (Russia) लौट गया है. FlightRadar24 के ट्रैकिंग डेटा से पता चलता है कि रूसी वायु सेना के इल्युशिन IL-62M विमान ने मॉस्को से प्योंगयांग (Pyongyang) के लिए उड़ान भरी थी जोकि गत मंगलवार सुबह नॉर्थ कोरिया की जमीन पर उतरा था.
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस सप्ताह एक अनिर्धारित रूसी सैन्य वीआईपी विमान प्योंगयांग में उतरा था. इससे पहले नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन ने मॉस्को की यात्रा भी की थी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर कई खास मसलों पर वार्तालाप की थी. अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया की इस यात्रा को संभवतः हथियारों के हस्तांतरण पर केंद्रित होने को लेकर ही देखा है.
FlightRadar24 के ट्रैकिंग डेटा से पता चलता है कि रूसी वायु सेना का इल्युशिन IL-62M मॉस्को से प्योंगयांग के लिए उड़ान भर रहा है, जो मंगलवार की सुबह पहुंच रहा है. विमान पर टेल नंबर से संकेत मिलता है कि यह वही प्लेन था जिसे रूस ने अगस्त में उत्तर कोरिया भेजा था. यह रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के प्योंगयांग की यात्रा के कुछ ही दिनों बाद भेजा गया. किम ने लेटेस्ट हथियारों के कलेक्शन को लेकर भी देश को अवगत कराया था.
उत्तर कोरिया ने रूस के साथ अपने सहयोग पर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा है कि पड़ोसियों के लिए घनिष्ठ संबंध बनाए रखना स्वाभाविक है. यूं सुक ने बदले में उत्तर कोरिया को उसके हथियार कार्यक्रम को बढ़ाने में रूस की संभावित मदद पर चिंता व्यक्त की थी.
फ्लाइटराडार24 के डेटा से यह भी संकेत मिलता है कि विमान लगभग दो दिनों तक उत्तर कोरिया में जमीन पर रहने के बाद गुरुवार को रूस लौट गया. उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया की ओर से विमान को लेकर किसी प्रकार को कोई जिक्र नहीं किया है. वहीं, रूसी रक्षा मंत्रालय ने भी ईमेल द्वारा भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया है.
विमान के आगमन पर नजर रखने वाली विशेषज्ञ सेवा एनके न्यूज ने कहा कि उड़ान के आसपास की चुप्पी यह संकेत दे सकती है कि विमान में हथियारों या प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर बातचीत करने को लेकर उसमें सैन्य अधिकारी सवार थे.
साल 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से उत्तर कोरिया ने इंटरनेशनल एयर ट्रैफिक पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद यहां कोई अंतरराष्ट्रीय हवाई आवाजाही नहीं हुई थी. लेकिन अब करीब दो माह से कम समय के भीतर दो उड़ानों का मास्को में आगमन दोनों देशों के बीच सहयोग को उजागर करता है जिनको अमेरिका और उसके सहयोगियों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध आदि लगाकर अलग-थलग करने की कोशिश की थी.
हनकुक यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज में अध्ययन से पता चलता है कि रूसी विभाग के प्रमुख जेह सुंग-हून ने कहा कि ऐसा लगता है कि युद्ध में उत्तर कोरिया के समर्थन और अमेरिका-दक्षिण कोरिया-जापान त्रिपक्षीय गठबंधन के गठन की पृष्ठभूमि में रूस ने उत्तर कोरिया के रणनीतिक मूल्य को फिर से खोज लिया है. जेह ने कहा कि चूंकि दोनों देशों के हित आपस में जुड़े हुए हैं. इसलिए उत्तर कोरिया-रूस सहयोग तेजी से आगे बढ़ने चाहिए.
बताते चलें कि किम ने इस माह रूस की यात्रा की थी और करीब एक सप्ताह वहां बिताया था. उन्होंने रूस के वोस्तोचन कोस्मोड्रोम अंतरिक्ष केंद्र में व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता भी की थी. किम ने राष्ट्रपति पुतिन से सैटेलाइट्स के निर्माण और उनको रूसी रॉकेटों पर दागने में सहायता करने का वचन भी लिया था.
अमेरिका कई माह से किम पर यूक्रेन में पुतिन के युद्ध में सहायता के लिए हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराने का आरोप लगाता रहा है. पेंटागन के एक प्रवक्ता ने कहा कि क्रेमलिन द्वारा मदद के लिए उत्तर कोरिया की ओर रुख करना हताशा का संकेत है.
अमेरिका ने कहा है कि तोपखाने के गोले और रॉकेट जैसे हथियार रूस की मदद करेंगे, लेकिन वे युद्ध के मैदान में बदलाव की संभावना नहीं रखते हैं. यह बिक्री उत्तर कोरिया को विश्व व्यापार से अलग अर्थव्यवस्था के लिए राजस्व की एक नई धारा भी प्रदान कर सकती है. अपनी रूस यात्रा के दौरान, किम ने लड़ाकू विमान बनाने वाले संयंत्रों सहित सैन्य सुविधाओं का भी निरीक्षण किया था.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी कहा कि इस यात्रा ने रूस और उत्तर कोरिया के बीच “तेजी से खतरनाक” दो-तरफा रास्ते को आगे बढ़ाने का काम किया है. दोनों के बीच अगली आधिकारिक यात्रा अक्टूबर में होने की उम्मीद है, जब रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव प्योंगयांग की यात्रा पर जाने वाले हैं.