अमेरिका में बसने की रखते हैं इच्‍छा? अब न लें टेंशन, बाइडन सरकार के इस फैसले से होगा 80 लाख भारतीयों को फायदा

अमेरिका जाकर बसने की इच्‍छा रखने वाले भारतीयों के लिए शुक्रवार को एक अच्‍छी खबर आई. हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की खबर के मुताबिक ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे विदेशी नागरिकों, खासतौर पर भारतीयों को बड़ी राहत देते हुए वाइट हाउस ने यह सिफारिश की है कि वो एप्‍लिकेशन प्रोसेस सिस्‍टम के प्रारंभिक स्‍टेज पर ही इम्‍प्‍लॉयमेंट ऑथराइजेशन कार्ड व अन्‍य जरूरी ट्रेवल डॉक्‍यूमेंट जारी कर दिए जाएगे. यदि नई घोषणा लागू होती है, तो 80 लाख से अधिक आवेदकों को लाभ होगा, जिनमें अधिकतर भारतीय हैं. इसमें वे आवेदक भी शामिल होंगे जो 5 साल से अधिक समय से बैकलॉग में हैं और उन्होंने 2018 में अपना आवेदन जमा किया था.

एशियाई अमेरिकी, मूल निवासी हवाईयन और प्रशांत द्वीपसमूह (AANHP) मामलों के लिए व्हाइट हाउस आयोग ने गुरुवार को इस सिफारिश को मंजूरी दे दी. इस प्रस्ताव को अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन स्‍वीकृति की आवश्‍यकता है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इसके कार्यान्वयन में अभी भी 18 महीने से अधिक का समय लग सकता है. प्रस्ताव के मुताबिक, डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के अमेरिकी नागरिकता और इमिग्रेशन सर्विस (DHS USCIS) को उन व्यक्तियों को इम्‍प्‍लॉयमेंट ऑथराइजेशन कार्ड (EAD) और यात्रा दस्तावेज देना चाहिए, जिन्होंने ईबी-1, ईबी-2 और ईबी-3 श्रेणी में आई-140 एंप्लॉयमेंट बेस वीजा पिटीशन को मंजूरी दे दी है और साथ ही बीते पांच साल से वीजा का इंतजार कर रहे हैं. यह इस बात पर ध्यान दिए बिना होगा कि क्या उन्होंने स्थिति के समायोजन के लिए आवेदन दायर किया है.

पहले क्‍या होती थी दिक्‍कत?
प्रस्ताव के अनुसार यह विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा और एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्यबल की कमी को संबोधित करेगा, ग्रामीण समुदायों में अंतर को पाटेगा और विशेष नौकरियों के लिए कवरेज प्रदान करेगा. इस नियम के बिना, बैकलॉग में शामिल लोग अनुबंधित नौकर हैं जिन्हें अपने कार्य वीजा (एच-1बी/एल-1) को लगातार रीन्‍यू करना होता है. इस प्रक्रिया के दौरान वे स्वतंत्र रूप से यात्रा नहीं कर सकते हैं. 2 महीने से अधिक समय तक बेरोजगार नहीं रह सकते हैं. उनके लिए नौकरी बदलना या अतिरिक्त काम करना बहुत कठिन है.

अब क्‍या होगा फायदा?
सिफारिश में कहा गया है कि ईएडी और यात्रा दस्तावेजों की वैधता उनके ग्रीन कार्ड आवेदन के अंतिम चरण तक प्रोसेस होने तक होनी चाहिए, जिसे अब आयोग ने स्वीकार कर लिया है. नए दिशानिर्देश नियोक्ताओं के बीच बिना किसी प्रतिबंध के आवाजाही की स्वतंत्रता प्रदान करेंगे, जिससे श्रमिकों और अर्थव्यवस्था दोनों को लाभ होगा, अग्रिम पैरोल प्राप्त करके यात्रा की सुविधा मिलेगी, अमेरिकी दूतावासों में वीजा नियुक्ति के बैकलॉग से बचा जा सकेगा और घरेलू देशों में बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल में सहायता मिलेगी.

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