आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उन्हें तिहाड़ जेल वापस जाने को लेकर कोई ‘तनाव या चिंता’ नहीं है. उन्होंने देश बचाने के लिए जेल जाने को अपने ‘संघर्ष’ का हिस्सा बताया. केजरीवाल की अंतरिम जमानत एक जून को खत्म होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कथित आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को मौजूदा लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के वास्ते 10 मई को अंतरिम जमानत दे दी थी. केजरीवाल ने ‘पीटीआई वीडियो’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अंतरिम जमानत मिलने से पहले लगभग एक महीने जेल में रहने के दौरान उन्होंने तिहाड़ जेल में दो बार ‘गीता’ पढ़ी. उन्होंने दावा किया कि इससे उनका नजरिया बदल गया है.
तिहाड़ जेल वापस भेजे जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ‘मुझे कोई तनाव या चिंता नहीं है. यदि मुझे वापस जाना पड़ा तो मैं वापस जाऊंगा… मैं इसे देश को बचाने के अपने संघर्ष का हिस्सा मानता हूं.’ जेल में बिताये समय को याद करते हुए केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने ‘गीता’, ‘रामायण’ और देश के राजनीतिक इतिहास सहित तीन-चार किताबें पढ़ीं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से उन पर 24 घंटे नजर रखी जाती थी, जिनकी निगरानी 13 जेल अधिकारियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा भी की जाती थी.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘जरा कल्पना कीजिए कि आपकी हर गतिविधि पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है. इससे जीवन मुश्किल हो जाएगा. मेरे लिए निश्चिंत होने का कोई समय नहीं था.’ ‘आप’ संयोजक ने चुनावी बॉण्ड के मुद्दे पर कहा कि यदि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सत्ता में आता है, तो स्वतंत्र भारत के ‘सबसे बड़े घोटाले’ की जांच का आदेश दिया जायेगा. ‘आप’ के पंजाब में खालिस्तानी तत्वों को रोकने में सक्षम नहीं होने और विदेशी धन प्राप्त करने संबंधी भाजपा के आरोपों पर केजरीवाल ने कहा कि ये आरोप ‘हास्यास्पद’ हैं.