युवा विकेटकीपर ईशान किशन और मिडिल ऑर्डर बैटर को बीसीसीआई ने अपने केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया है. दोनों खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट छीन जाने से बवाल मचा हुआ है. लोगों का कहना है कि यह नियम सभी खिलाड़ियों पर लागू होने चाहिए. 1983 में विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रह चुके टीम इंडिया क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने भी बीसीसीआई के इस पहल का सपोर्ट किया और साथ ही साथ यह भी कहा कि रोहित शर्मा और विराट कोहली समेत भारतीय टीम के हर सदस्य पर यह नियम लागू होनी चाहिए.
ईशान किशन (Ishan Kishan) और श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) को रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) नहीं खेलने के कारण केंद्रीय अनुबंध गंवाना पड़ा है. कीर्ति आजाद ने पीटीआई वीडियो से कहा ,‘यह निर्देश बहुत अच्छी पहल है. हर किसी को रणजी ट्रॉफी खेलनी चाहिए. पांच दिन का क्रिकेट ही असली क्रिकेट है. घरेलू क्रिकेट खेलना अच्छी बात है. जब भी खिलाड़ी खाली हो तो उन्हे अपने प्रदेश के लिए रणजी क्रिकेट खेलना चाहिए. चाहे वह रोहित शर्मा हो या विराट कोहली. प्रदेश ने आपको खिलाड़ी बनने का मौका दिया जिससे आप देश के लिये खेल सके.
‘सिर्फ दो को सजा देना सही नहीं’
कीर्ति आजाद ने कहा है कि सिर्फ ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को सजा देना सही नहीं है. बकौल कीर्ति आजाद,‘ सिर्फ दो को सजा देना सही नहीं है. हर किसी को सजा मिलनी चाहिए. सभी को समान नजर से देखा जाना चाहिए. आजाद ने इस पर टिप्पणी से इनकार कर दिया कि क्या ईशान और श्रेयस के लिए रास्ते अब बंद हो चुके हैं.
‘जब हम खेलते थे तब… ‘
मौजूदा समय में भारत के स्टार क्रिकेटर घरेलू क्रिकेट में खेलने से कतराते हैं. उन्हें लगता है कि घरेलू क्रिकेट में खेलने से उनका समय जाया होगा. रणजी ट्रॉफी में उन्हें खेलना अच्छा नहीं लगता. लेकिन बीसीसीआई ने अब इसपर सख्त कदम उठाया है और कहा है कि जो भी खिलाड़ी यदि नेशनल टीम से बाहर है उसे घरेलू क्रिकेट में खेलना होगा. कीर्ति आजाद ने कहा,‘मेरा सवाल यह है कि क्या वे पर्याप्त घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं. वे टी20 क्रिकेट खेल रहे हैं और हर प्रदेश में टी20 क्रिकेट लीग है. जब हम खेलते थे तब सारे सदस्य प्रदेश के लिए खेलते थे और इसमें गर्व महसूस करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है.’