शाहीन अफरीदी नहीं, पाकिस्तान का ‘ब्रह्रास्त्र’ भारत के लिए साबित होगा बड़ा खतरा, जानें क्यों?

पाकिस्तान ने एशिया कप के लिए अपनी टीम का ऐलान कर दिया है और इस टीम में शानदार तेज गेंदबाजों की फौज है. हर गेंदबाज ऐसा है, जो अकेले दम पर विपक्षी टीम की बैटिंग को तहस-नहस कर सकता है. शाहीन शाह अफरीदी जैसे गेंदबाजों ने हाल के वक्त में नई गेंद से भारतीय बल्लेबाजों को काफी परेशान किया है और इस बार वो एशिया कप में नजर आएंगे और इससे पहले अफरीदी इंग्लैंड में द हंड्रेड लीग में धमाल मचा रहे. लेकिन टीम इंडिया के लिए शाहीन से बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं टैप बॉल क्रिकेट खेलकर पाकिस्तान टीम में जगह बनाने वाले हारिस रउफ. वो भी फिलहाल द हंड्रेड में खेल रहे और अपनी कहर बरपाती रफ्तार से बल्लेबाजों का होश उड़ा रखा है.

हारिस के पास केवल रफ्तार ही नहीं, बल्कि उनके पास ऐसा हथियार है, जो भारतीय बल्लेबाजों की नींद उड़ाने के लिए काफी है.

एशिया कप में भारत और पाकिस्तान की पहली टक्कर दो सितंबर को होगी. दोनों टीमों के बीच हुए पिछले कुछ मुकाबलों पर नजर दौड़ाएं तो नई गेंद से शाहीन अफरीदी और नसीम शाह भारतीय टीम पर कहर बनकर टूटे हैं. लेकिन पिछले साल टी20 विश्व कप में भारत के खिलाफ हारिस रउफ ने शानदार गेंदबाजी की थी. उन्होंने रोहित शर्मा और सूर्यकुमार यादव को आउट किया था. यानी हारिस भी भारतीय टॉप ऑर्डर में सेंध लगाने का दम रखते हैं और वो द हंड्रेड में इसे साबित भी कर रहे.

रउफ ने तरकश में जोड़ा नया तीर
हारिस रउफ अब केवल रफ्तार से नहीं, बल्कि ‘चालाकी’ से भी दुश्मन का काम तमाम कर रहे हैं. अब ये पूछेंगे कि चालाकी कैसी? तो ये हम आपको बताते हैं. दरअसल, हारिस इन दिनों द हंड्रेड में वेल्श फायर की तरफ से खेल रहे. शाहीन अफरीदी भी उनकी टीम का ही हिस्सा हैं. उन्होंने एक दिन पहले बर्मिंघम फीनिक्स के खिलाफ कमाल की गेंदबाजी की. हारिस ने 20 गेंद में 20 रन देकर 2 विकेट लिए. रउफ ने फीनिक्स के दो बल्लेबाजों को बोल्ड किया. लेकिन एक बैटर का काम रफ्तार से तमाम किया तो एक को चालाकी से अपने जाल में फंसाया. इसी वजह से हारिस एशिया कप में भारत के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं.

अपनी रफ्तार में काफी बदलाव कर रहे
हारिस रउफ ने पहले फीनिक्स के बैटर जैमी स्मिथ को अपनी 144 किमी प्रति घंटे की यॉर्कर लेंथ से गेंद से क्लीन बोल्ड किया और फिर लियाम लिविंगस्टोन का मिडिल स्टम्प उखाड़ पवेलियन की राह दिखाई. रउफ ने लिविंगस्टोन को जिस गेंद पर बोल्ड किया था, उसकी रफ्तार 130 किमी प्रति घंटा से कम थी. यानी हारिस ने अपनी पेस को कम करके विपक्षी बल्लेबाज का शिकार किया. लिविंगस्टोन को लगा कि हारिस की ये गेंद भी तेज रफ्तार होगी लेकिन पाकिस्तानी पेसर ने बिना एक्शन में बदलाव किए, स्लोअर गेंद फेंकी और सिक्सर किंग लिविंगस्टोन का खेल खत्म हो गया.

हाल के दिनों में हारिस ने अपने तरकश में ये नया तीर जोड़ा है. एक्शन और गेंद को रिलीज करते वक्त बिना खास बदलाव के भी वो रफ्तार बढ़ा या घटा देते हैं और यही उनकी बॉलिंग की सबसे बड़ी ताकत साबित हो रही. द हंड्रेड में वो इसी तकनीक के सहारे लगातार विकेट ले रहे. एशिया कप के 9 मुकाबले श्रीलंका में खेलने हैं जहां के विकेट इस तरह की गेंदबाजी के लिए मुफीद हैं. ऐसे में हारिस मिडिल ओवर के साथ डेथ में भी भारत की परेशानी बढ़ा सकते हैं.

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