यूक्रेन के गृह मंत्रालय ने शुक्रवार (15 दिसंबर) को रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख और रूस के कीव पर हमले के प्रबल समर्थक रहे पैट्रिआर्क किरिल को ‘वांटेड लिस्ट’ में नाम डाला है. किरिल पर जंग को बढ़ावा देने का भी आरोप है, हालांकि किरिल को यूक्रेन से कोई खतरा नहीं है. उनको गिरफ्तारी का भी डर नहीं है क्योंकि किरिल अभी रूस में हैं.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी मंत्रालय की ‘वांटेड लिस्ट’ में किरिल के नाम की एक पोस्ट शेयर किया है, इसमें उनको कलर्क के वेश में दिखाया गया है. इस पोस्ट में उनकों जांच से पहले के लाशों की ढेर में छिपा हुआ दिखाया गया है. पोस्ट में कहा गया कि वह 11 नवंबर से “लापता” थे.
रूसी रूढ़िवादी चर्च
रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च (आरओसी), जिसे मॉस्को पैट्रियार्केट के रूप में भी जाना जाता है. यह लगभग 100 मिलियन सदस्यों वाला एक दर्जन से अधिक ऑटोसेफ़लस (स्वशासित) पूर्वी रूढ़िवादी ईसाई चर्चों में सबसे बड़ा है. पैट्रिआर्क किरिल मॉस्को के चर्च के नेता हैं, जो जॉर्जिया और यूक्रेन को छोड़ कर पूर्वी रूढ़िवादी (सोवियत यूनियन वाले क्षेत्र) ईसाई वाले क्षेत्रों पर विशेषाधिकार की दावा करते हैं.
किरिल का यूक्रेन युद्ध के समर्थक रहे हैं
पैट्रिआर्क किरिल साल 2009 में रोमन ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख बन गए थे. पैट्रिआर्क किरिल ने अपने बयानों के माध्यम से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का समर्थन करते रहे हैं. इस युद्ध को धर्म से भी जोड़ दिया था. एक बार अपने संबोधन में युद्ध को “ईश्वर का चमत्कार” बताया था. किरिल लंबे समय तक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भी सहयोगी रहे हैं.
किरिल को यूक्रेन में वांटेड होने का क्या मतलब है?
रॉयटर्स के अनुसार, किरिल को ‘वांटेड लिस्ट’ में डालने का कदम “बिलकुल प्रतीकात्मक है क्योंकि पैट्रिआर्क किरिल रूस में हैं और गिरफ्तारी का कोई खतरा नहीं है.” यह प्रीस्टों के प्रभाव को कम करने के यूक्रेन के प्रयास में नया कदम है. यूक्रेन का आरोप है कि किरिल का रूस के साथ घनिष्ठ संबंध है और यूक्रेनी समाज को नष्ट कर रहे हैं.