
राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने नवंबर में होने वाले नगर निकाय चुनावों को अप्रत्यक्ष रूप से कराने का फैसला किया है। यह फैसला सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक में लिया गया।
कुछ दिनों पहले कांग्रेस पार्टी के राज्य कार्यालय पर एक बैठक में कुछ नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा अनुच्छेद 370 को रद्द करने को लेकर प्रचार की आशंका जाहिर की थी। मुख्यमंत्री ने मंत्री शांति धारीवाल से इस परिदृश्य पर विस्तृत फीडबैक जुटाने और फिर फैसला करने की बात कही थी।
सरकार असमंजस में थी क्योंकि मुख्यमंत्री ने खुद बीते विधानसभा चुनावों के दौरान प्रत्यक्ष तौर पर नगर निकाय चुनाव कराने का वादा किया था।
धारीवाल ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “कैबिनेट ने वर्तमान परिस्थितियों में समाज में फैली हिंसा, भय और असुरक्षा को देखते हुए प्रत्यक्ष चुनावों में जाने का अपना निर्णय बदल दिया है।”
उन्होंने कहा, “भाजपा समाज को बांटना चाहती है और खास तौर से एक विशेष वर्ग को मुख्यधारा से अलग करने के प्रयास में है। हम चाहते हैं कि समाज में प्रेम व सौहार्द बरकरार रहे और भाईचारे की भावना समृद्ध हो।”
उन्होंने कहा, “अगर प्रत्यक्ष चुनाव होते हैं तो हिंसा भड़कने की संभावना है। इसलिए हमने अप्रत्यक्ष चुनाव कराने का फैसला किया है।”