मिस्र ने इज़राइल-हमास जंग को संघर्ष विराम के साथ खत्म कराने, चरणबद्ध तरीके से बंधकों की रिहाई और गाज़ा पट्टी तथा कब्जाए गए वेस्ट बैंक का शासन चलाने के लिए विशेषज्ञों के नेतृत्व में फलस्तीनी सरकार गठित करने का महत्वाकांक्षी प्रस्ताव रखा है जो शुरुआती स्तर पर है. मिस्र के एक वरिष्ठ अधिकारी और यूरोप के एक राजनयिक ने सोमवार को यह जानकारी दी.
यह प्रस्ताव खाड़ी के मुल्क कतर के साथ मिलकर तैयार किया गया है और इसे इज़राइल, हमास, अमेरिका तथा यूरोपीय सरकारों के सामने रखा गया है. हालांकि यह हमास को पूरी तरह से कुचलने के इज़राइल के लक्ष्य की पूर्ति नहीं करता है और लगता है कि युद्ध के बाद गाज़ा पर लंबे समय तक सैन्य नियंत्रण बनाए रखने के इज़राइल के आग्रह को भी पूरा नहीं करेगा.
मिस्र के अधिकारी ने कहा कि मिस्र और कतर विशेषज्ञों के नेतृत्व में सरकार गठन के लिए हमास समेत फलस्तीन के सभी गुटों के साथ काम करेंगे. उन्होंने कहा कि यह सरकार संक्रमण काल के लिए गाज़ा और वेस्ट बैंक पर हुकूमत करेगी और इस दौरान फलस्तीनी गुट अपने मतभेद दूर करने और राष्ट्रपति तथा संसदीय चुनाव कराने की रूपरेखा पर सहमत होने के लिए काम करेंगे.
पर किस बात की है आशंका?
अधिकारी ने बताया कि इज़राइल और हमास व्यापक समझौते को लेकर बातचीत जारी रखेंगे. एक पश्चिमी राजनयिक ने कहा कि उन्हें मिस्र के प्रस्ताव की जानकारी है और इस बात पर संदेह व्यक्त किया कि इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समूचे प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे.
इज़राइल के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू समेत इज़राइल की युद्ध कैबिनेट सोमवार को बैठक कर बंधकों की स्थिति समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा करेगी. उन्होंने यह नहीं बताया कि कैबिनेट मिस्र के प्रस्ताव पर चर्चा करेगी या नहीं.
यह प्रस्ताव ऐसे वक्त आया है जब इज़राइल खचाखच भरे मध्य और दक्षिणी गाज़ा में हवाई हमले कर रहा है तथा उन इमारतों को ज़मींदोज़ कर रहा है जिनमें लोगों ने पनाह ली हुई है. मगाज़ी शरणार्थी शिविर में तीन मंजिला इमारत और आसपास की इमारतों पर हमले के बाद बचाव कर्मियों ने मलबे से से दर्जनों शव निकाले.