7 जुलाई की तारीख दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों के लिए खास है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इस दिन अपना जन्मदिन मनाते हैं. कप्तानी की नई इबारत लिखने वाले कैप्टन कूल को दुनियाभर से सोशल मीडिया पर तरह तरह से बधाई संदेश आते हैं. माही ने कप्तानी करते हुए क्रिकेट के मैदान पर इतने झंडे गाड़े हैं जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल हैं. आज महेंद्र सिंह धोनी के जन्मदिन पर उनकी कप्तानी के ऐसे रिकॉर्ड बताते हैं जिसे छूना नामुमकिन है.
7 जुलाई 1981 को रांची में जन्में महेंद्र सिंह धोनी अपना 42वां जन्मदिन मना रहे हैं. माही…कैप्टिन कूल…धोनी…धाला और भी कई नामों से इस महान कप्तान को उनके चाहने वाल बुलाते हैं. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की पहचान उनकी सादगी और मुश्किल परिस्थिति में शांत होकर फैसले लेने की वजह से है. इस धुरंधर ने कप्तानी में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं लेकिन एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया है जिसे कोई छू ही नहीं पाएगा.
साल 2007 में नई नवेली टीम लेकर आईसीसी टी20 विश्व कप में उतरे महेंद्र सिंह धोनी ने टीम के चैंपियन बनाया. पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया रोमांचक फाइनल मुकाबला जिसने देखा वो नाखून चबाता नजर आया. अच्छे अच्छों के दिलों की घड़कने बढ़ गई थी लेकिन महेंद्र सिंह धोनी उस नाजुक मौके पर भी हमेशा की तरह शांत थे.
आईसीसी द्वारा कराया गया पहला टी20 विश्व कप इस धुरंधर ने भारत के नाम किया और एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया जिसे उनके बाद कोई बना ही नहीं पाएगा. टी20 विश्व कप की पहली ट्रॉफी धोनी के नाम हो गई है और इसे चाह कर भी कोई नहीं जीत सकता. दुनिया के किसी भी टीम का कप्तान पहली ट्रॉफी जीतने वाला कप्तान नहीं कहलाएगा.
महेंद्र सिंह धोनी के नाम नॉटआउट मुकाबलों में सबसे ज्यादा लगातार जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड है. इस चैंपियन कप्तान ने अब तक कुल 8 लगातार नॉक आउट मुकाबलों में टीम के जीत दिलाई है. फाइनल…सेमीफाइनल और क्वार्टर फाइनल में ऐसा रिकॉर्ड किसी और कप्तान के नाम नहीं. बाकी सभी कप्तान के नाम अधिकतक लगातार 6 नॉकआउट मैच जीतने का रिकॉर्ड है.
साल 2007 आईसीसी टी20 विश्व कप सेमी फाइनल में शुरू हुआ सिलसिला, 2007 फाइनल, 2011 वनडे विश्व कप क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल, फाइनल में जारी रहा. इसके बाद 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल और फिर फाइनल. 2014 में भारत को वर्ल्ड कप सेमीफाइनल तक जीत दिलाई. 8 लगातार नॉकआउट जीत का सिलसिला फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ हार से टूटा था.