ब्रिटेन में विदेशी कामगारों के लिए वीजा नियम सख्त, ऋषि सुनक बोले- प्रवासियों को रोकने का ऐतिहासिक कदम

ब्रिटेन की सरकार ने देश में अप्रवासियों (Immigration In UK) की संख्या को कम करने के लिए सोमवार को सख्त कदमों की घोषणा की. जिनमें विदेशी श्रमिकों के लिए कौशल आधारित वीजा हासिल करने के लिए बहुत ज्यादा वेतन सीमा तय करना और परिवार के सदस्यों को अपने आश्रित के रूप में लाने पर रोक शामिल है. ब्रिटेन के गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली ने ब्रिटिश संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमंस’ में दिए एक बयान में खुलासा किया कि इस कार्रवाई के तहत स्वास्थ्य और देखभाल वीजा पर डॉक्टर अब अपने परिवार के किसी भी सदस्य को अपने साथ नहीं ला सकेंगे. इस फैसले का असर भारतीयों पर भी पड़ेगा.

इसके साथ ही ब्रिटिश सरकार ने कहा कि कुशल श्रमिक वीजा के जरिये ब्रिटेन आने के लिए आवेदन करने वालों के लिए वेतन सीमा वर्तमान 26,200 ब्रिटिश पौंड से बढ़ाकर 38,700 ब्रिटिश पौंड कर दी जाएगी. पारिवारिक वीजा श्रेणी के तहत आवेदन करने वालों पर भी समान वेतन राशि लागू होगी, जो वर्तमान में 18,600 ब्रिटिश पौंड है. क्लेवरली ने संसद को बताया कि ‘आव्रजन नीति निष्पक्ष, सुसंगत, कानूनी और टिकाऊ होनी चाहिए.’ नये नियम 2024 की शुरुआत में प्रभावी होंगे. बताया जा रहा है कि सख्त नए आव्रजन नियमों से हर साल ब्रिटेन जाने में सक्षम लोगों की संख्या में लाखों की कमी आएगी.

टोरी सांसदों के दबाव में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली ब्रिटिश सरकार ने प्रवासन के स्तर को काफी कम करने के लिए इन उपायों की घोषणा की. ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने कहा कि इस कदम से लगभग 300,000 लोगों पर असर होगा, जो अब नए उपायों के आधार पर यूके में प्रवेश करने के पात्र नहीं होंगे. ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कहा कि प्रवासियों का स्तर बहुत ऊंचा है और वह इसे बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमने अभी नेट माइग्रेशन में अब तक की सबसे बड़ी कटौती की घोषणा की है. इतिहास में पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया है.

इसके साथ ही सरकार ने छोटे व्यवसायों के लिए 20 फीसदी वेतन छूट को खत्म कर देगी और एक आव्रजन वेतन सूची पेश करेगी. जिसकी समीक्षा प्रवासन सलाहकार समिति द्वारा बढ़ी हुई वेतन सीमा के हिसाब से की जाएगी. यूके में आश्रितों को लाने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि से निपटने के लिए उपाय पहले से ही मौजूद हैं. सरकार का दावा है कि ये उपाय सामूहिक रूप से इस सिद्धांत को मजबूत करते हैं कि जो लोग यूके में रहना और काम करना चाहते हैं उन्हें आत्मनिर्भर होना चाहिए, अर्थव्यवस्था में योगदान देना चाहिए और राज्य पर बोझ नहीं बनना चाहिए.

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