जातिगत गणना सर्वे रिपोर्ट जारी होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब गांधी जयंती के मौके पर गांधी संग्रहालय पहुंचे तो पत्रकारों ने आंकड़ों को लेकर सवाल पूछा. इसके जवाब में नीतीश कुमार नेआने वाले समय की राजनीति को लेकर बड़ा इशारा कर दिया. मुख्यमंत्री ने कहा-कल (मंगलवार) हम सभी दलों के लोगों के सामने जातीय गणना से संबंधित आंकड़ों को प्रेजेंटेशन देंगे. इसके बाद जो करेंगे जो वह सब को पता चल जाएगा. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि इस मीटिंग के बाद सीएम नीतीश बिहार में आरक्षण को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
सीएम नीतश ने कहा बिहार सरकार ने आज जाति आधारित गणना का रिपोर्ट कार्ड जारी की गई है, यह बहुत खुशी की बात है. आपको तो हम बोले थे जल्द ही ही पब्लिश होगा. ये फैसला तो तमाम राजनीतिक पार्टियों के सहमति से सब हुआ है, उनको भी हम बुलाकर उनके सामने जितना काम हुआ है, सब लोगों के सामने प्रस्तुत करेंगे.सीएम नीतीश ने कदहा कि कल यानी मंगलवार को ही हम 3:30 बजे दिन में 9 पार्टी के लोगों से बात करेंगे. जातिगत गणना सर्वे रिपोर्ट पर एक-एक चीज का प्रस्तुतिकरण दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, कल की मीटिंग में सब कुछ रख दिया जाएगा कि कैसे लाभ मिले और उसके बाद सब लोगों का राय लेकर के सरकार की तरफ से जो जरूरी होगा, आगे कदम उठाएंगे. जो काम हम लोग बिहार में कर रहे हैं, कोई आज तक किया है. जो भी हित में काम होगा सभी जातियो के लिए हमलोग करेंगे. जनगणना तो होना चाहिए था, लेकिन नहीं हुआ. कल की बैठक के बाद धीरे-धीरे सब कुछ पता चलेगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब सवाल पूछा गया कि यह मांग की जा रही है, जिसकी जितनी आबादी उतनी भागीदारी? इसपर उन्होंने कहा कि आप अभी हमसे मत पूछिए. सारा चीज का रिपोर्ट सबके सामने आएगा और रिपोर्ट आ जाने के बाद आगे सबके हित में जो भी काम करना है, उसका निर्णय लिया जाएगा.
मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि ऊ लोग क्या करते हैं, कोई मतलब नहीं है. किसी चीज को कर रहे हैं? मुस्लिम हो या हिंदू किसी के लिए कोई काम हो रहा है? मुस्लिम के खिलाफ तो है ही, हिंदू के लिए भी कोई काम हो रहा है? क्या काम किए हैं? शेड्यूल कास्ट के लिए क्या काम किए हैं?
सीएम नीतीश ने कहा कि शेड्यूल ट्राइब के लिए अति पिछड़ा को अभी भी मान्यता दिए हैं, देश में पिछड़ा ही ना है. अति पिछड़ा तो बिहार में है. जाहिर है नीतीश कुमार ने आज अपने बयान में बड़ा इशारा किया है कि आने वाले समय में अति पिछड़ा और दलित को लेकर आरक्षण का दायरा बढ़ाने जैसा कुछ बड़ा फ़ैसला कर सकते हैं.