गुरपतवंत सिंह पन्‍नू विवाद के बीच दिल्‍ली पहुंचे अमेरिका के डिप्‍टी NSA, विदेश मंत्री जयशंकर से की मुलाकात

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को अमेरिका के प्रधान उप एनएसए जॉन फाइनर से नई दिल्‍ली में मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच विभिन्न द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई. दोनों की मुलाकात ऐसे वक्‍त पर हो रही है जब अमेरिका ने अपने नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्‍या की साजिश में कथित तौर पर भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया है. इस संबंध में अमेरिका की तरफ से भारत के समक्ष औपचारिक आपत्ति भी दर्ज की गई है. विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने आधिकारिक एक्‍स अकाउंट पर मुलाकात की तस्‍वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘आज दोपहर अमेरिका के प्रधान उप एनएसए जॉन फाइनर से मिलकर अच्छा लगा. वैश्विक स्थिति पर उपयोगी विचारों का आदान-प्रदान. हमारे द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई.’

भारत और अमेरिका दोनों ही पन्‍नू को लेकर ताजा टेंशन को ज्‍यादा तूल देने के मूड में नहीं हैं. बीते सप्‍ताह अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने 52 वर्षीय निखिल गुप्ता पर सिख चरमपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ काम करने का आरोप लगाया था. अमेरिकी अभियोजकों ने मैनहट्टन अदालत को सूचित किया कि चेक गणराज्य के अधिकारियों ने गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया और हिरासत में ले लिया.

भारत ने माना चिंता का विषय
अमेरिकी आरोपों के एक दिन बाद, भारत ने भारतीय अधिकारी को पन्‍नू  की हत्या की साजिश रचने वाले व्यक्ति से जोड़ने को “चिंता का विषय” बताया और कहा कि आरोपों की जांच करने वाले जांच पैनल के निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी. विदेश मंत्रालय ने कहा था, “…अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, बंदूकधारियों, आतंकवादियों और अन्य चरमपंथियों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए. हम ऐसे इनपुट को बहुत गंभीरता से लेते हैं.”

भारत की जांच का अमेरिका ने किया स्‍वागत 
भारत द्वारा विफल साजिश से संबंधित आरोपों की जांच के लिए एक जांच दल गठित करने के बाद, अमेरिका ने नई दिल्ली के फैसले का स्वागत किया, अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन ने इस कदम की प्रशंसा करते हुए इसे “अच्छा और उचित” बताया. व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रणनीतिक संचार के समन्वयक जॉन किर्बी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “…हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि भारतीय भी इसकी जांच के लिए अपने प्रयासों की घोषणा कर रहे हैं.”

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