नई दिल्ली, – संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सरकार किसानों के दर्द को नहीं समझ रही है। नये कृषि कानून के विरोध में दो महीने से ज्यादा समय से देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों की अगुवाई करने वाले संगठनों का समूह संयुक्त किसान मोर्चा ने बिजली कर्मचारियों की एक दिनी हड़ताल का समर्थन किया है।
किसान नेता डॉ. दर्शनपाल ने मोर्चा की तरफ से एक बयान में कहा कि दुनिया की प्रख्यात हस्तियां किसानों के प्रति संवेदनशीलता प्रकट कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर, भारत सरकार किसानों के दर्द को समझ नहीं रही है।
बयान में कहा गया है कि देशभर के बिजली कर्मचारियों की एक दिन की हड़ताल को समर्थन करता है। हम बिजली क्षेत्र के निजीकरण का कड़ा विरोध करते हैं। उन्होंने कहा, ड्राफ्ट इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 किसानों के साथ-साथ अन्य नागरिकों पर भी हमला है।
उन्होंने किसान आंदोलन के दिन प्रतिदिन मजबूत होने का दावा किया।
बयान में किसान नेता ने कहा, उत्तर प्रदेश में किसान महापंचायतों में भारी समर्थन के बाद, किसानों ने मध्य प्रदेश के डबरा और फूलबाग, राजस्थान के मेहंदीपुर और हरियाणा के जींद में महापंचायतें आयोजित की हैं। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में किसान दिल्ली आएंगे।
उन्होंने कहा कि किसानों ने फिर से पलवल सीमा पर धरना शुरू कर दिया है और आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से बड़ी संख्या में किसान धरना स्थल पर पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा, हम सिंघु बॉर्डर धरनास्थल पर पत्रकारों के प्रवेश को रोकने के लिए पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हैं। सरकार ने इंटरनेट को पहले ही बंद कर दिया है और अब मीडिया के लोगों के विरोध स्थलों पर प्रवेश और कवरेज पर भी सरकार रोक लगा रही है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने इंटरनेट सेवाएं बहाल करने और मुख्य व आंतरिक सड़कों की बैरिकेडिंग को हटाने की मांग की।