उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने रूस की अपनी विस्तारित यात्रा के दौरान लड़ाकू विमान बनाने वाली उसकी एक फैक्टरी का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने सबसे अत्याधुनिक रूसी लड़ाकू विमान एसयू-57 के कॉकपिट को नजदीक से देखा. किम के इस दौरे ने दोनों देशों के बीच हथियार समझौते को लेकर अमेरिका और दक्षिण कोरिया समेत कई देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. किम के इस दौरे से चिंतित अमेरिका और अन्य देशों ने रूस और उत्तर कोरिया को चेतावनी देते हुए कहा कि वे हथियार हस्तांतरण का कोई समझौता नहीं करें.
किम ने अपनी बख्तरबंद ट्रेन से मंगलवार को रूस में पहुंचने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और हथियारों एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े कई स्थलों का दौरा किया. रूस और उत्तर कोरिया पर पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए हैं तथा उन्हें अलग-थलग कर दिया है. ऐसे में ये दोनों देश अपने संबंधों को गहरा कर रहे हैं. अन्य देशों की सरकारें और विशेषज्ञ अटकलें लगा रहे हैं कि किम अत्याधुनिक हथियारों या प्रौद्योगिकी के बदले रूस को गोला-बारूद की आपूर्ति करेंगे, जिसका इस्तेमाल वह यूक्रेन में युद्ध के लिए कर सकता है.
रूस की सरकारी समाचार समिति ‘आरआईए नोवोस्ती’ ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें दिख रहा है कि किम की बख्तरबंद ट्रेन कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर शहर के एक स्टेशन में रुकी और कुछ ही देर बाद किम का काफिला स्टेशन से बाहर निकला. इसके बाद रूसी कैबिनेट ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें एक मंच पर खड़े किम रूस के सबसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान एसयू-57 के कॉकपिट को नजदीक से देखते और उसके पायलट की बात सुनते नजर आ रहे हैं. इसके बाद एसयू-57 लड़ाकू विमान जब एक प्रदर्शन उड़ान भरकर लौटा तो किम तालियां बजाते नजर आए.
रूसी कैबिनेट के अनुसार, किम ने सुखोई एसजे-100 यात्री विमानों का निर्माण करने वाले केंद्र का भी दौरा किया. उसने बताया कि इस दौरान रूस के उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव उनके साथ थे.
मंटुरोव ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने (उत्तर कोरिया के) नेता को अपने प्रमुख विमानों में शामिल एक विमान दिखाया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम विमान निर्माण और अन्य उद्योगों में सहयोग की संभावना देख रहे हैं, जो प्रौद्योगिकी संबंधी संप्रभुता प्राप्त करने की दृष्टि से हमारे देशों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.’’
पुतिन ने किम के साथ शिखर वार्ता के बाद रूसी मीडिया को बताया कि उत्तर कोरिया के नेता रूस के प्रशांत बेड़े, एक विश्वविद्यालय और अन्य स्थलों को देखने के लिए व्लादिवोस्तोक के निकट जाएंगे. किम की यह अप्रैल 2019 के बाद से पहली विदेश यात्रा है. वह उस समय व्लादिवोस्तोव गए थे, जहां उन्होंने पुतिन से पहली बार मुलाकात की थी.
विशेषज्ञों का कहना है कि पुतिन को युद्ध के लिए हथियार मुहैया कराने के एवज में किम अपनी वायुसेना और नौसेना के आधुनिकीकरण में रूस से मदद मांगेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या रूस उत्तर कोरिया को उपग्रह हासिल करने में मदद करेगा, पुतिन ने कहा, ‘‘हम इसी लिए यहां हैं. (किम ने) रॉकेट प्रौद्योगिकी में गहरी रुचि दिखाई है. वह अंतरिक्ष विज्ञान में भी विकास की कोशिश कर रहे हैं.’’
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के कार्यालय ने बताया कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के सुरक्षा सलाहकारों ने बृहस्पतिवार को फोन पर बात की और रूस एवं उत्तर कोरिया के बीच संभावित हथियार समझौतों को लेकर ‘गंभीर चिंता’ व्यक्त की. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के कार्यालय ने बताया कि रूस और उत्तर कोरिया को चेतावनी दी गई है कि यदि वे इस प्रकार का कोई समझौता करते हैं, तो उन्हें ‘उसकी कीमत चुकानी’ होगी.
सियोल में इस बात को लेकर व्यापक चिंता है कि गोला-बारूद की आपूर्ति करने के बदले में उत्तर कोरिया को रूस से उन्नत हथियार प्रौद्योगिकियां मिल सकती हैं जिनमें सैन्य जासूसी उपग्रह से संबंधित प्रौद्योगिकी भी शामिल है और यह किम जोंग के सैन्य परमाणु कार्यक्रम से उत्पन्न खतरे को और बढ़ाएगा. दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्री किम युंग हो ने चेताया कि उत्तर कोरिया और रूस के बीच हथियारों का लेन-देन होने पर दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान कड़ी प्रतिक्रिया देंगे. ये तीनों देश क्षेत्रीय खतरे के मद्देनजर अपना त्रिपक्षीय सुरक्षा सहयोग बढ़ा रहे हैं.