कंगाली के हालातों से जूझ रहा पाकिस्तान विदेशी कर्ज पर दिन काट रहा है, लेकिन वहां नेता, अफसरों ने विदेशी मुद्रा पर भी डाका डाल दिया है. इसका खुलासा छापामारी के बाद मिल रही अरबों की विदेशी करेंसी से हो रहा है. फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) के वाणिज्यिक बैंकिंग सर्कल की छापेमारी में शमसाबाद में एक निर्माणाधीन आवासीय संपत्ति पर अरबों रुपये की भारी मात्रा में विदेशी और स्थानीय मुद्रा का खुलासा हुआ.
यह छापेमारी एक्सचेंज कंपनियों के हुंडी और हवाला कारोबार के खिलाफ देशव्यापी अभियान का हिस्सा है. इस ऑपरेशन के बाद अवैध व्यापारिक गतिविधियों के संबंध में सबूतों को कब्जे में किया गया. ‘द डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक रावलपिंडी में एक प्लाजा के बेसमेंट में इतनी करेंसी मिली कि फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) के अफसर भी भौचक्के रह गए.
13 डिजिटल लॉकर नहीं खोल पाई टीम
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बेसमेंट में 13 डिजिटल लॉकर मिले हैं. 24 घंटे से इन्हें खोलने की कोशिश अब तक नाकाम रही है. इसके अलावा झेलम शहर में भी इसी तरह का बेसमेंट और लॉकर मिले हैं. यहां बरामद करेंसी के अलावा लॉकर्स में भी फॉरेन करेंसी भी मिली है. पाकिस्तान के पास इस वक्त कुल 8 अरब डॉलर का फॉरेक्स रिजर्व (विदेशी मुद्रा भंडार) है. इनमें 3 अरब डॉलर IMF, 2 अरब डॉलर सऊदी अरब और एक-एक अरब डॉलर UAE और चीन के हैं.
मीडिया हाउस के मालिक की है बिल्डिंग
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक FIA की कई टीमें दो हफ्ते से फॉरेन करेंसी होल्डर्स और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ ऑपरेशन चला रही हैं. इसमें फौज और ISI भी मदद कर रही है. जांच एजेंसियों को पाकिस्तानी फौज के रावलपिंडी हेडक्वार्टर से 2 किलोमीटर दूर एक प्लाजा में करेंसी छिपाने की जानकारी मिली थी. अधिकारियों ने वहां छापा मारा. प्लाजा के डबल बेसमेंट के पार्किंग एरिया में एक छोटा सा लोहे का गेट मिला. वहां अतिरिक्त निर्माण उपकरण भी रखे हुए थे.