अमेरिका ने कर दिया काम आसान! जल्द भारत की गिरफ्त में होगा मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर हुसैन राणा के बुरे दिन आ गए हैं. हुसैन द्वारा दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट को बाइडेन प्रशासन ने कैलिफोर्नियाई अदालत से अस्वीकार करने का आग्रह किया है और दोहराया है कि उसे भारत भेजा जाए. तहव्वुर हुसैन का कनेक्शन 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों से है, तभी भारत अमेरिका से उसे जल्द भेजने की मांग कर रहा है.

एक अमेरिकी अदालत ने मई में राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी. राणा को फिलहाल लॉस एंजिल्स के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में लिया गया है. राणा (62) ने अपने वकील के जरिये बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करते हुए भारत सरकार द्वारा उसके प्रत्यर्पण को चुनौती दी थी. राणा की याचिका का विरोध करते हुए अमेरिकी वकील एस्ट्राडा ने कहा कि याचिकाकर्ता यह प्रदर्शित करने में असमर्थ है कि भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध में संभावित कारण के पर्याप्त सबूत नहीं हैं. राणा के वकील ने प्रत्यर्पण अनुरोध संधि के तहत इसका विरोध किया था. उसके वकील ने तर्क दिया था कि राणा का प्रत्यर्पण अवैध है.

गौरतलब है कि भारत ने 10 जून 2020 को प्रत्यर्पण के लिए राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी. इसके बाद, उसे गिरफ्तार किया गया था.

भारत में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा 26 नवंबर 2008 को मुंबई में किए गए हमलों में राणा की भूमिका की जांच कर रहा है. इन हमलों के दौरान अजमल कसाब नामक आतंकवादी जिंदा पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी की सजा दी गई, बाकी आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने हमलों के दौरान ढेर कर दिया था. मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकी नागरिक सहित कुल 166 लोगों की जान गई थी.

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